Divya Kakran Biography In Hindi: भारतीय फ्रीस्टाइल कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान ने लिया तलाक: पहलवानी के साथ ‘लड़ाकी’ दिव्या संभाल रही नायब तहसीलदार की जिम्मेदारी
Indian Freestyle Wrestling Player Ka Talaq: भारतीय फ्रीस्टाइल कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान (Indian Freestyle Wrestling Player Divya Kakran) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है कि उन्होंने अपने पति सचिन प्रताप (Sachin Pratap) से तलाक ले लिया है। तलाक के पीछे का कारण आपसी मनमुटाव को माना जा रहा है। दिव्या काकरान की कहानी (Divya Kakran Biography) संघर्ष से भरी है।
Indian Freestyle Wrestling Player Ka Talaq: भारतीय फ्रीस्टाइल कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान (Indian Freestyle Wrestling Player Divya Kakran) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है कि उन्होंने अपने पति सचिन प्रताप (Sachin Pratap) से तलाक ले लिया है। तलाक के पीछे का कारण आपसी मनमुटाव को माना जा रहा है। दिव्या काकरान की कहानी (Divya Kakran Biography) संघर्ष से भरी है।
राष्ट्रीय बॉडी बिल्डर सचिन प्रताप से की थी शादी
बता दें कि भारतीय फ्रीस्टाइल कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान (Indian Freestyle Wrestling Player Divya Kakran) ने 22 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय बॉडी बिल्डर सचिन प्रताप (National bodybuilder Sachin Pratap) के साथ शादी की थी। लेकिन अब उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद स्वीकारा है कि आपसी मनमुटाव के चलते वह तलाक का फैसला ले चुकी है। कुश्ती के दंगल से निकलकर जिंदगी के हर मैदान में लड़ने वाली, दिव्या काकरान (Divya Kakran) की कहानी केवल पदकों की नहीं, आत्मसम्मान, संघर्ष और साहस की भी है।
प्रशासनिक अधिकारी भी है दिव्या काकरान
बताया जा रहा है कि दिव्या काकरान (Divya Kakran) पिछले पांच महीने से पति से अलग रह रही थी और अब स्वतंत्रता और आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ रही है। वर्तमान में दिव्या काकरान गौतमबुद्ध नगर में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत है। यानी वह अब केवल पहलवान ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी भी है।
गांव से दिल्ली की गलियों तक का सफर
8 अक्टूबर 1998, एक साधारण से घर में जन्मी दिव्या काकरान (Divya Kakran) ने असाधारण सफर तय किया। मुज़फ्फरनगर के पुरबालियन गांव से दिल्ली की गलियों तक का यह सफर आसान नहीं था। पिता सूरजवीर सैन खुद कुश्ती में आगे नहीं बढ़ सके, लेकिन बेटी को पीछे नहीं रहने दिया। मां संयोगिता सैन घर चलाती थीं और कभी अपने गहने तक गिरवी रख देती थीं। दिव्या (Divya Kakran) की शुरुआती प्रतिद्वंदी लड़के थे, क्योंकि गांव में लड़कियों के लिए न तो अखाड़ा था और न ही कुश्ती का माहौल। 12 साल की उम्र में ही लड़कों को चित करना, दिव्या की असली शुरुआत थी।
दिव्या ने रचा इतिहास
दिव्या काकरान (Divya Kakran) कहती है जब सबसे ज्यादा मदद की जरूरत होती है तब सरकारें साथ नहीं होती, ये बयान उन्होंने कैमरे के सामने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के सामने दिया था। ये वही साहसी सोच थी जिसने दिव्या काकरान (Divya Kakran) की साल 2020 में अर्जुन पुरस्कार दिलाया था और कई अंतरराष्ट्री पदक भी उनकी झोली में आई। 2018 एशियन गेम्स और कॉमनक्लेव गेम्स 2022 में कांस्य जितने वाली दिव्या ने 2020 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा। उनके करियर में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप 2017 का गोल्ड भी शामिल है।