बोले CM भूपेश बघेल – “संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर राज्यपाल या राष्ट्रपति करते हैं या नही, यह उन पर निर्भर करता है..पर जिस प्रकार भाजपा के लोग बोल रहे हैं, यह संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों पर दबाव बनाने वाली बात”

Update: 2020-10-27 10:26 GMT

रायपुर,27 अक्टूबर 2020। विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन विधेयक के पास होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में भाजपा पर संवैधानिक शक्तियों पर दबाव डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
दरअसल संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने संशोधन विधेयक को विधि विरुद्ध बताते हुए तमाम प्रश्न खड़े उठाते हुए कहा –
“यह संशोधन विधेयक बहुतेरी अनिवार्य औपचारिकताओं को पूरा नहीं करता है.. विधेयक को लेकर यह प्रश्न है कि, इसे राज्यपाल राष्ट्रपति की सहमति मिलेगी क्या ? यदि कोई कोर्ट चला जाए तो क्या स्थिति होगी”
विपक्ष की ओर से यह बात वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा ने तो कहीं ही। प्रस्तुत संशोधन विधेयक को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और सदन में विपक्ष के नेता धर्मलाल कौशिक ने भी तमाम आपत्तियों के साथ यह प्रश्न उठाया –
“केंद्र ने यदि क़ानून बना दिया तो राज्य उस पर क़ानून नही बना सकता, केंद्र ने यदि क़ानून बना दिया तो वह समवर्ती सूची में होंगे, राज्य का क़ानून लागू नही होगा”
सत्र के स्थगित होने के बाद जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रेस से बात करने ऑडिटोरियम पहुँचे तो यही प्रश्न पत्रकारों ने उठाया। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-
“हमने केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र या कि क़ानून को बिलकुल नहीं छेड़ा है, कृषि राज्य का विषय है,हमने वही किया है जो कि हमारे अधिकार क्षेत्र का विषय है, राज्यपाल या राष्ट्रपति हस्ताक्षर करते हैं या नही,यह उनपर निर्भर करता है, जिस प्रकार बीजेपी के लोग बोल रहे हैं यह संवैधानिक पदों पर दबाव बनाने वाली बात है।”

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