सौरभ गांगुली को CESTAT से मिली राहत, सर्विस टैक्स अथॉरिटी ने वसूले थे 1.5 करोड़ रुपये

Update: 2020-12-18 08:06 GMT

नईदिल्ली 18 दिसंबर 2020. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के उत्पाद, सीमा शुल्क व सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) की एक बेंच ने सेवा कर प्राधिकरण द्वारा लगाये गये 1.5 करोड़ रुपये टैक्स के मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली को बड़ी राहत दी है.

इतना ही नहीं, केस फिर शुरू होने से पहले क्रिकेटर सौरभ गांगुली द्वारा डिपॉजिट कराये गये 50 लाख रुपये भी वापस करने का आदेश सर्विस टैक्स अथॉरिटी को दिया है.

मामला वर्ष 2006 का है. सेवा कर प्राधिकरण ने सौरभ गांगुली से आइपीएल में खेले गये मैच और उनके लेख और प्रदर्शन पर टैक्स वसूला था. इसके बाद सौरभ गांगुली ने इसके खिलाफ हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

वर्ष 2016 में कोलकाता हाइकोर्ट ने प्राधिकरण द्वारा की गयी टैक्स की मांग को गलत ठहराया. कोर्ट ने कहा कि टैक्स लागू नहीं होता. साथ ही अथॉरिटी से रकम ब्याज सहित वापस लौटने के लिए कहा था.

प्राधिकरण ने सौरभ गांगुली से आइपीएल के ब्रांड प्रोमोशन और मैच खेलने की फीस पर 1.51 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स मांगे थे. इसके बाद प्राधिकरण ने फिर से मामले को सीईएसटीएटी में उठाया.

सौरभ गांगुली से इस आधार पर 1.51 करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स की मांग की गयी कि मैच खेलने के लिए मिलने वाली फीस आइपीएल क्रिकेट मैच खेलने और ब्रांड प्रोमोशन करने के लिए दी जाने वाली कंपोजिट फीस है.

इसके अलावा एक जुलाई, 2010 से पहले की अवधि के लिए ब्रांड एंडोर्समेंट पर भी टैक्स मांगा गया था, जबकि ब्रांड प्रोमोशन इस तारीख के बाद टैक्सेबल सर्विस था.

न्यायाधिकरण ने पाया कि पिटिशनर को आइपीएल फ्रेंचाइजी से मिले मेहनताने पर बिजनेस सपोर्ट सर्विस के तौर पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि पिटिशनर सिर्फ कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खरीदा गया और उसके लिए परफॉर्म करने वाला मेंबर था और वह इंडिविजुअल के तौर पर कोई सर्विस नहीं दे रहा था.

Tags:    

Similar News