मरवाही में बवाल.. पंचायतों से जुड़े कांग्रेस समर्थित प्रतिनिधियों ने कहा – “प्रत्याशी बाहरी स्वीकार नही है.. नही समझेगा संगठन तो हम संयुक्त प्रत्याशी खड़ा कर देंगे”

Update: 2020-10-11 11:49 GMT

मरवाही 11 अक्टूबर 2020।मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित नही किया है, लेकिन मीडिया में आई क़यास भरी ख़बरों से ही हंगामा बरप गया है। मरवाही उप चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदों के सबसे अहम केंद्र जनपद और सरपंचों ने ज़िला कांग्रेस कार्यालय ही घेर दिया और दो टूक सवाल पूछा –
“जिसकी चर्चा है वो नाम कहाँ से आया.. और जिनकी बातें थीं जो सक्रिय थे वो नाम कहाँ गए”
इस सवाल के बाद हालाँकि जो बात कहते हुए यह समुह लौटा है वह मसले की संवेदनशीलता को और नाज़ुक करती है।बिफरे पंचायत प्रतिनिधियों ने यह कहा
“दो दिन का वक़्त देते हैं.. स्थिति स्पष्ट और कार्यकर्ताओं के मानस के अनुरुप प्रत्याशी की नही हुई तो पंचायत प्रतिनिधी बैठत कर के अपना संयुक्त प्रत्याशी खड़ा कर देंगे”
पंचायत प्रतिनिधियों की इस भीड़ में सरपंच उप सरपंच जनपद सदस्य सभी शामिल थे।इनमें शामिल लोगों की आपत्ति इन शब्दों के साथ भी सामने आई
“जब छजका बनी तो हम लोग नहीं गए.. कांग्रेस के साथ बने रहे.. संगठन को बोला गया था कि बाहरी को टिकट ना दें.. जो खबरें आ रही हैं वो नाम कैसे स्वीकार करेंगे “
दरअसल मीडिया की खबरों में जिस नाम ने जगह बनाई है वह मरवाही ब्लॉक के बीएमओ डॉ के के ध्रुव का है। डॉक्टर के के ध्रुव रिकॉर्ड करीब बीस वर्षों से मरवाही के बीएमओ हैं। डॉ. ध्रुव बलौदाबाजार के मूल निवासी हैं। ख़बरे हैं कि मौजुदा जो भी नाम चर्चा में थे उनमें डॉ ध्रुव इकलौते ऐसे नाम के रुप में उभरे जिनके नाम पर मतदाताओं में कोई प्रतिकुल या विरोधी बात नहीं थी। नतीजतन डॉक्टर ध्रुव का नाम वरीयता में सबसे पहले चलने की खबरें मीडिया में आ गईं।
सूत्रों के अनुसार जवाबदेह कांग्रेस पदाधिकारियों ने पूरे मामले को “प्रायोजित” माना है और पूरा ब्यौरा मुख्यमंत्री को देर शाम दे दिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों का वह समुह जो कि ज़िला कांग्रेस कार्यालय जा पहुँचा था, उनसे राजस्व मंत्री जय
सिंह अग्रवाल ने भी चर्चा की है। मरवाही उप चुनाव की बागडोर सम्हालने वाले नेताओं ने नसीहत दी है
“विरोध का नहीं यह एकजुटता का समय है,और फिर भी बात रखने का सही तरीक़ा संगठन के भीतर बात को कहना है ना मीडिया को दिखाकर बुलाकर प्रदर्शन के अंदाज में बात कहना”
मरवाही उप चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। प्रतिष्ठा इस कदर है कि साम दाम दंड भेद याने हर नीति का इस्तेमाल हो रहा है, और नामांकन दाख़िल से लेकर मतदान तक होते ही रहेगा।

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