Dr. Raman Singh: पूर्व सीएम डॉ. रमन के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्‍त, हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

Dr. Raman Singh: हमारे साथी संबित पात्रा और मेरे खिलाफ कांग्रेस के लोगों ने एफआईआर की। यह सारे मामले जब न्यायालय तक पहुंचा तो न्यायालय ने एफआईआर को निरस्त कर दिया। यह बहुत महत्वपूर्ण फैसला है।

Update: 2023-09-20 11:44 GMT

Dr. Raman Singh: रायपुर। प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और भाजपा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष डॉ. रमन सिंह को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने एक मामले में डॉ. रमन के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को निरस्‍त करने का आदेश दिया है। यह जानकारी आज यहां आयोजित प्रेसवार्ता में डॉ. रमन सिंह ने मीडिया को दी।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अपने निवास पर पत्र वार्ता में कहा कि उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मेरे खिलाफ कांग्रेस की फर्जी एफआईआर को खारिज करने और सभी मामले समाप्त करने का फैसला दिया है। यह छत्तीसगढ़ के हालात हैं। यह सरकार अपराधी चला रहे हैं। सरकार के जितने करीबी अधिकारी हैं या तो वे जेल में हैं या बेल में हैं। कोल घोटाला में इनके वरिष्ठ अधिकारी 7 माह से जेल में हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार करोड़ों अरबों के सट्टे के मामले में जांच के दायरे में हैं। खुद मुख्यमंत्री बेल पर हैं। यह अपराधियों की सरकार है। यह एफआईआर का उपयोग हथियार की तरह करते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री बताया कि दरअसल बात शुरू होती है मेरे सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट को लेकर। वह जो पोस्ट था, उसमें मैंने कोरोना संकट के समय कांग्रेस की राजनीति पर पोस्ट किया था कि कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुम्भ का दुष्प्रचार व जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है। कांग्रेस महामारी के साथ लड़ने के बजाए लोगों को आपस में लड़ा रही है। विदेशी मीडिया में मोदी सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र कांग्रेस ने किया था, उसे एक्सपोज करने का काम मैंने किया था। हमारे साथी संबित पात्रा और मेरे खिलाफ कांग्रेस के लोगों ने एफआईआर की। यह उनकी मानसिकता है। उनके काले कारनामे के खिलाफ कोई कुछ भी बोले तो एफआईआर दर्ज करके अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने का प्रयास करते हैं। यह सारे मामले जब न्यायालय तक पहुंचाते हैं तो क्या हश्र होता है? एक बार फिर कांग्रेस के काले कारनामे के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। न्यायालय ने फर्जी एफआईआर को निरस्त कर दिया। यह बहुत महत्वपूर्ण फैसला है। यह एक सबक है। कोई सरकार सत्ता का किस प्रकार दुरुपयोग करने के लिए विरोधियों को दबाने का षड्यंत्र करती है, इसका इससे बड़ा उदाहरण कोई और नहीं होगा।

डॉ. रमन ने कहा कि दूसरा फैसला पीएससी के मामले में है। हाई कोर्ट ने न केवल कांग्रेस सरकार को फटकार लगाई बल्कि पीएससी अध्यक्ष के रिश्तेदारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। पीएससी पारदर्शी प्रक्रिया में असफल रही है। छत्तीसगढ़ के लाखों युवाओं के भविष्य की बात है। आज स्पष्ट रूप से न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की। सरकार ने भ्रष्टाचार में पीएससी को भी नहीं छोड़ा। पैसों से पैसों का लेनदेन किया गया। अधिकारियों का षड्यंत्र रहा। आश्चर्य होता है कि पीएससी अध्यक्ष के कई सारे रिश्तेदार का चयन डिप्टी कलेक्टर डीएसपी के पद पर होता है। यह छत्तीसगढ़ को कलंकित करने वाला कारनामा है। लाखों युवाओं के मन में संतोष हुआ होगा। आज न्यायालय ने साफ कर दिया कि इस तरह की प्रक्रिया नहीं चल सकती।

पूर्व मुख्यमंत्री ने महिला आरक्षण बिल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश कर दिया है। मुझे लगता है कि नए संसद भवन में प्रवेश के साथ नए संकल्प और सोच के साथ ऐसा फैसला हुआ है। यह 9 साल के कार्यकाल का माइल स्टोन बनने जा रहा है। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला हो रहा है। यह महिलाओं की भागीदारी के लिए क्रांतिकारी कदम है। मैं बधाई देना चाहता हूं। यह बहुत बड़ा फैसला है और महिला सशक्तिकरण, उनके हितों के समर्थन की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम है।

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