CG पदयात्रा Vs गोपनीय बैठक: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस खोजने निकले हैं कांग्रेसी – भाजपा, कांग्रेस बोली – प्रतिबंधित संगठन की भांति गोपनीय बैठक क्यों?

Update: 2022-10-04 16:24 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस की पदयात्रा पर सवाल उठाए तो कांग्रेस ने भाजपा के साथ आरएसएस को भी घेर दिया। भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने पूछा कि ऐसा क्या एजेंडा है, जो प्रतिबंधित संगठनों की तरह चोरी छिपे बैठक कर रहे हैं। यह सवाल 6 अक्टूबर को धमतरी जिले के गंगरेल डैम के रिसॉर्ट में होने वाली बैठक को लेकर था। इस बैठक में भाजपा कोर ग्रुप, प्रदेश महामंत्री, संभाग प्रभारी आदि को मिलाकर करीब 30 लोगों के शामिल होने का अनुमान है। इसमें भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा होगी।

पूरे देश में कांग्रेस का अंत सुनिश्चित: केदार

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कांग्रेस की पदयात्रा पर कहा कि कांग्रेस कितनी भी यात्रा निकाल ले, अब इसका छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में अंत सुनिश्चित है। कांग्रेस खुद तो चल नहीं पा रही है और देश जोड़ने निकली है। कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व जहां से चला, वहीं आकर रुक गया। कितना हास्यास्पद है कि कांग्रेस नेतृत्व ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को आदेश किया, जो उन्होंने मानने से इंकार करते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी को कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बड़ा मान लिया। कांग्रेस में राष्ट्रीय नेतृत्व का सम्मान नहीं बचा है।

कांग्रेस छत्तीसगढ़ में जो पदयात्रा कर रही है, वह भी भटकाव का शिकार है। अगले साल कांग्रेस को सत्ता से सड़क पर आना ही है। इसके लिए कांग्रेस में चार दिशाओं से महाभारत छिड़ी हुई है। यहां कांग्रेस की पदयात्रा का निहितार्थ सरकार की विफलता और कांग्रेस की कलह से ध्यान हटाने की कोशिश मात्र है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पैदल घूम रहे हैं। उनको शक्ल दिखा कर लौटने वाले कांग्रेस नेता हवा में उड़ रहे हैं। भारत जोड़ो के नाम से निकल रही यात्रा कांग्रेस जोड़ो तक भी नहीं पहुंच पा रही है। देश जोड़ने निकले कांग्रेस नेता राजस्थान के चक्कर में रास्ता भूल गए हैं। पिछले दिनों बहुत से कांग्रेसियों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। आने वाले समय में लगातार कांग्रेस छोड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है। इससे बेचैन होकर कांग्रेसी अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस खोजने निकले हैं।

गंगरेल में क्या षड्यंत्र करने वाले हैं: शुक्ला

धमतरी के गंगरेल डैम के रिसॉर्ट में भाजपा के गोपनीय बैठक पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा भी अब प्रतिबंधित संगठनों की भांति चोरी-छिपे गोपनीय बैठक कर रही है। भाजपा को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि 6 अक्टूबर को गंगरेल डैम के रिसॉर्ट में गोपनीय बैठक का एजेंडा क्या है? ऐसा तो नहीं कि आरएसएस और भाजपा मिलकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ की शांत धरा को अशांत करने के लिए कोई षड्यंत्र की रणनीति बनाने वाले हैं? क्योंकि गोपनीय बैठक और गुप्त बैठक जिसमें मीडिया का प्रवेश वर्जित हो, जिस के संबंध में मीडिया को जानकारी नहीं दी जा रही है और जनता से दूरी बनाकर जो बैठक की जा रही है, ऐसी बैठकें सिर्फ षड्यंत्र रचने और साजिश करने के लिए किया जाता है। जिस प्रकार से कई प्रतिबंधित संगठन करते रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास जन सरोकारों से जुड़ा कोई मुद्दा बचा नहीं है। भाजपा नेता लगातार झूठ बोलकर गलतबयानी कर सनसनी फैला रहे हैं। गोपनीय बैठक में भी कोई न कोई नया झूठ प्रचारित करने धार्मिक उन्माद फैलाने रणनीति बनाई जाएगी।

शुक्ला ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में मुद्दों के दिवालियापन के दौर से गुजर रही है। भाजपा में गुटबाजी चरम सीमा पर है। भाजपा कई गुटों में बंटी हुई है। ऐसे में आरएसएस से जो प्रभारी बनकर आए हैं, वह अब गुप्त और गोपनीय बैठक कर किसी बड़े षड्यंत्र को अंजाम देने में लगे हुए हैं, ऐसा प्रतीत होता है, क्योंकि भाजपा जिस राज्य में सत्ता में नहीं होती है, वहां हिंसा करना, दंगा करना, उन्माद फैलाना, धर्म से धर्म को और जाति से जाति को लड़ाना इनका मूल एजेंडा होता है।

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने भाजपा और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस और भाजपा मिलकर देश की जनता के मूल मुद्दों से चर्चा करने से भाग रहे हैं। जनता महंगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था और देश में बढ़ते कर्ज से हताश और परेशान है। इसके लिए जिम्मेदार मोदी सरकार है। जिन वादों के साथ 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से वोट बटोरे थे, उन वादों को पूरा करने में मोदी सरकार नाकाम साबित हुई है। मोदी सरकार 135 करोड़ जनता की भलाई के लिए काम नहीं कर रही है। उनका मूल एजेंडा मात्र 2 पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना और देश की संपत्तियों को कौड़ी के मोल उन्हें सौंपना है।

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