Bilaspur News: नगरीय निकाय चुनाव- संगठन चुनाव में भाजपा की व्यस्तता और विपक्षी दल के नेता बैठक में आपस में भिड़ रहे

Bilaspur News: राज्य सरकार ने इस बार नगर निगम के महापौर का चुनाव डायरेक्ट करने का फैसला कर लिया है। जाहिर है प्रदेश के प्रमुख शहरों में इसे लेकर अब माहौल भी बनने लगा है। सरकार की चुनावी घोषणाओं के बीच भाजपा संगठन चुनाव में व्यस्त है। कांग्रेस ने जरुर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पीसीसी चेयरमैन दीपक बैज की अगुवाई में बिलासपुर के कांग्रेस भवन में एक बैठक हो चुकी है। हालांकि यह बैठक कई मायने में विवादास्पद रहा है। सीनियर नेताओं के बीच जिस तरह मतभेद उभरकर सामने आया है,अब तो इसी बात की चर्चा होने लगी है कि एक चूक कहीं विपक्षी दलों की संभावनाओं का कबाड़ा ही ना कर दे।

Update: 2024-12-07 08:02 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। राज्य सरकार ने इस बार नगर निगम के महापौर का चुनाव डायरेक्ट करने का फैसला कर लिया है। जाहिर है प्रदेश के प्रमुख शहरों में इसे लेकर अब माहौल भी बनने लगा है। सरकार की चुनावी घोषणाओं के बीच भाजपा संगठन चुनाव में व्यस्त है। कांग्रेस ने जरुर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पीसीसी चेयरमैन दीपक बैज की अगुवाई में बिलासपुर के कांग्रेस भवन में एक बैठक हो चुकी है। हालांकि यह बैठक कई मायने में विवादास्पद रहा है। सीनियर नेताओं के बीच जिस तरह मतभेद उभरकर सामने आया है,अब तो इसी बात की चर्चा होने लगी है कि एक चूक कहीं विपक्षी दलों की संभावनाओं का कबाड़ा ही ना कर दे।

सत्ताधारी दल भाजपा में वर्तमान में संगठन चुनाव का दौर चल रहा है। मंडलों में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। रणनीतिकारों और संगठन के आला पदाधिकारियों की कोशिश यही है कि चुनाव का नौबत ना आए, सर्वसम्मति से सबकुछ ठीक हो जाए। जैसा वे चाह रहे हैं उसी अंदाज में सर्वसम्मति की सियासत भी चल रही है। रणनीतिकारों का मानना है कि आपसी रायमशविरा से संगठन बन जाता है तो आने वाले दिनों में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव के दौरान गुटीय लड़ाई तो नजर नहीं आएगी। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की राजनीतिक की ओर नजर डालें तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज की अध्यक्षता में एक दौर की मीटिंग कांग्रेस भवन में हो चुकी है। हालांकि पहली मीटिंग विवादों के चलते प्रदेशभर में चर्चित भी रहा। पीसीसी के महामंत्री व बिलासपुर जिला संगठन प्रभारी सुबोध हरितवाल और पूर्व महापौर राजेश पांडेय के बीच उभरी तल्खी की गूंज दिल्ली तक हुई। शिकवा-शिकायतों के साथ ही नोटिस का दौर भी चला। पूर्व मेयर ने पूरी घटनाक्रम के लिए क्षमा भी मांगी। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय की मानें तो इस पूरे एपीसोड का अब पटाक्षेप हो गया है। कांग्रेस भवन में सार्वजनिकतौर पर नेताओं के बीच उभरी तल्खी, नोटिस के बाद बनी विवाद की स्थिति और उभरी टिस किस हद तक खत्म हुई है या फिर टिस आगे ऐसा ही रहेगा। कहना मुश्किल है। पूर्व मेयर के पक्ष में जिस तरह सीनियर कांग्रेसजन सामने आए थे इससे तो यही कयास लगाए जा रहे हैं कि निकाय चुनाव में मतभेद कहीं और ना गहरा जाए।

 चुनावी मोड में आने लगे शहरवासी

नगरीय निकाय चुनाव में राज्य शासन ने इस बार दो बड़े बदलाव कर दिया है। महापौर का चुनाव डायरेक्ट होगा। लिहाजा शहरी मतदाताओं को पांच साल बाद ही सही दो वोट डालने का मौका मिलेगा। एक वोट के जरिए अपने शहर का महापौर चुनेंगे और दूसरे वोट से अपने वार्ड का पार्षद। पांच साल का समय भी अब निकलने को है। राज्य शासन के इस फैसले से राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और दावेदारों के साथ ही शहरवासियों में भी उत्साह देखा जा रहा है। शासन के इस घोषणा मात्र से ही लोग चुनावी मोड में आने लगे हैं। चौक-चौराहाें पर चुनावी चर्चा भी होने लगी है।

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