NPG EXCLUSIVE: भूमिपूजन में छत्तीसगढ़ के कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी और रतनपुर महामाया माई मंदिर की धुलि भी, 200 से अधिक मंदिरों की माटी भी हुई समाहित

Update: 2020-08-05 06:45 GMT

रायपुर,5 अगस्त 2020। रामलला मंदिर की आधारशिला जबकि रखी जा रही है तो उसमें भारत की सभी प्रमुख नदियों का जल, पाँच समुद्र का पानी और करीब 200 प्रतिष्ठित मंदिरों की धुलि भी शामिल है। इन 200 मंदिरों में छत्तीसगढ़ के रतनपुर महामाया मंदिर की माटी के साथ साथ राम की ननिहाल चंद्रखुरी में स्थित कौशल्या माता मंदिर की माटी भी शामिल है। कल देर शाम इन धुलि ( रज ) को महंत शम्भुदेवाचार्य को सौंप दिया गया है।


गौ रक्षा समिति से जुड़े और राष्ट्रीय मुस्लिम संगठन के परिचित चेहरे फैज खान ने अयोध्या में बग़ैर किसी मीडिया जमावड़े या प्रचार प्रसार के भुमिपूजन के लिए इन मंदिरों की माटी को साकेत भूषण श्रीराम पीठ विद्याकुंड के महंत शम्भूदेवाचार्य जी को सौंप दिया।
फैज खान चंद्रखुरी और महामाया मंदिर रतनपुर के अलावा ज्वाला देवी मंदिर धनपुरी,तुलसी माता मंदिर छतरपुर,महारानी लक्ष्मी बाई बलिदान स्थल ग्वालियर और दाता बंदीछोड़ गुरुद्वारा ग्वालियर क़िले की मिट्टी भी ले गए थे और उसे भी सौंप दिया है।


अब से कुछ देर बाद जबकि भुमिपूजन की संस्कार पूजा होगी तब समुद्र, नदियों का जल और पूरे देश से आई मंदिरों की और पवित्र स्थलों की रज ( माटी ) भी खुद को प्रतिकात्मक रुप से समाहित करेंगे।

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