NPG breaking: 1000 करोड़ के घोटाले मसले पर हाईकोर्ट का आदेश – “CBI एक सप्ताह के अंदर करे FIR.. 15 दिनों में जप्त करें अभिलेख..7 IAS समेत 12 अधिकारियों के ख़िलाफ़ FIR करने के आदेश”

Update: 2020-01-30 10:33 GMT

बिलासपुर,30 जनवरी 2020। हाईकोर्ट ने बेहद अहम आदेश देते हुए भ्रष्टाचार के एक मसले पर दायर रिट याचिका जो कि जनहित याचिका के रुप में सूनी गई, उस पर सुरक्षित रखे गए निर्णय को आज सार्वजनिक किया। हाईकोर्ट ने एक हज़ार करोड़ घोटाले को सही मानते हुए मामले में आदेश दिया
“CBI एक सप्ताह के भीतर FIR दर्ज करे.. पंद्रह दिनों में विभाग से दस्तावेज जप्त करें”
हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्रा और पार्थ प्रतीम साहू की बेंच ने फ़ैसले में उल्लेखित किया
“CBI जब भी जरुरत पड़े, कोर्ट में उचित आवेदन के माध्यम से मदद ले सकती है”

मामला समाज कल्याण विभाग से जूड़ा हुआ है, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि,राज्य स्त्रोत निःशक्त जन संस्थान काग़ज़ों में बनाई गई, इसमें याचिकाकर्ता एवं अन्य को कर्मचारी बताकर वेतन आहरित किया जाता था और पूरा सेटअप चलाया जाता था। इस जन संस्थान के माध्यम से निःशक्त जनों को प्रशिक्षण दिया जाना और उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराए जाने की क़वायद की जाती थी। लेकिन यह सब कुछ काग़ज़ों में था। बीते दस सालों में इस संस्थान के माध्यम से एक हज़ार करोड़ का घोटाला किया गया।

जिन अधिकारियों के विरुध्द हाईकोर्ट ने FIR के आदेश दिए हैं उनमें दो रिटायर सीएस, एक रिटायर ACS, पूर्व आईएएस बी एल अग्रवाल,सतीश पांडेय, पी पी सोटी, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हेमंत खलखो, एम एल पांडेय और पंकज वर्मा के नाम शामिल हैं।
गांधी पुण्यतिथि
पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फ़ैसला सार्वजनिक किया है।

 

Similar News