Supreme Court News: मृत वाहन चालक की गलती तो मुआवजा नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई याचिका

Supreme Court News: दुर्घटना दावा के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने वाला मृतक व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी मुआवजा के लिए दावा नहीं कर सकता। उसे मुआवजे का अधिकार नहीं है।

Update: 2025-07-07 07:56 GMT

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Supreme Court News: दिल्ली। दुर्घटना दावा को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर वाहन चालक लापरवाहीपूर्वक वाहन चला रहा है और इससे उसकी मौत हो जाती है तो वारिस को मुआवजा पाने का अधिकार नहीं मिलेगा। इस टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।

दुर्घटना दावा से संबंधित हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने कहा कि लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने वाले मृत व्यक्ति के वारिस को मुआवजा पाने का कानूनी अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। मृतक वाहन चालक के वारिसों ने MV Act की धारा 166 के तहत मुआवजा की मांग की थी। एनएस रविशा नामक व्यक्ति की फिएट लिनिया कार को तेज गति से चलाते समय कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

दुर्घटना के दौरान अनियंत्रित होकर कार पलट गई थी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी, बेटे और माता-पिता ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 166 के तहत मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के समक्ष दावा करते हुए बतौर क्षतिपूर्ति मुआवजा 80 लाख रुपये की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया था कि लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के कारण चालक की मौत हुई है। न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में अपील की थी।

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक मामले निंगम्मा और अन्य बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की याचिका पर फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण मृतक की मौत हुई थी। इसके लिए वह खुद ही दोषी था। लिहाजा कानूनी उत्तराधिकारी उसकी मृत्यु के लिए किसी भी मुआवजे का दावा नहीं कर सकते।

अपने पूर्व के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसले को दोहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। डिवीजन बेंच ने कहा कि वाहन चालक खुद ही लापरवाही से वाहन चलाते हुए दुर्घटना का शिकार हुआ है। लिहाजा वारिस को मुआवजे के लिए दावा करने का अधिकार नहीं बनता है।

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