Sovereign Gold Bond Scheme: केंद्र सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना को बंद करने पर विचार कर रही है: जानिए क्यों
Sovereign Gold Bond Scheme: केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य लोगों को फिजिकल गोल्ड से डिजिटल गोल्ड पर शिफ्ट करना था।
Sovereign Gold Bond Scheme: केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य लोगों को फिजिकल गोल्ड से डिजिटल गोल्ड पर शिफ्ट करना था। इस योजना के तहत सरकार ने लोगों को अपेक्षाकृत सस्ते में सोने में निवेश करने का मौका दिया। हालांकि, अब सरकार इस योजना को बंद करने पर विचार कर रही है और माना जा रहा है कि आगामी फरवरी में पेश होने वाले बजट में इसकी समाप्ति का ऐलान किया जा सकता है।
सरकार पर बढ़ा बोझ
इस योजना के बंद होने का कारण आर्थिक दबाव बताया जा रहा है। सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना ने अपने प्रारंभिक उद्देश्य को पूरा कर लिया है, लेकिन अब यह सरकार के लिए बोझ बन गई है। इस योजना के तहत निवेशकों को बॉन्ड की अवधि समाप्त होने पर सोने के समकक्ष मूल्य का भुगतान करना पड़ता है, और सोने की कीमतों में तेजी से वृद्धि के कारण सरकार की वित्तीय देनदारियां बढ़ गई हैं, जिससे उसके खजाने पर दबाव आ रहा है।
बजट में हो सकता है ऐलान
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस योजना को बंद करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, और इसका ऐलान फरवरी में पेश होने वाले वित्तीय वर्ष 2026 के बजट में किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही वित्तीय घाटे को FY26 तक 4.5% से नीचे रखने की प्रतिबद्धता जताई है, ऐसे में सरकार इस योजना को बंद कर अपने आर्थिक बोझ को कम कर सकती है।
कम हुआ आवंटन और जारी नहीं हो रही नई किश्तें
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना को बंद करने की आहट तब से सुनाई दे रही है जब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025 के बजट में इस योजना के लिए आवंटन घटाकर 18,500 करोड़ रुपए कर दिया था, जबकि FY24 में यह आंकड़ा 26,852 करोड़ रुपए था। पहले इस योजना के तहत एक साल में 10 किस्तें जारी होती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ 2 रह गई है। इसके अलावा, हाल के दिनों में RBI द्वारा भी इसकी कोई नई किश्त जारी नहीं की गई है।
क्या था SGB का उद्देश्य?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसके तहत निवेशकों को RBI द्वारा जारी किए गए गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5% ब्याज मिलता था। इस योजना में डिजिटल गोल्ड खरीदने पर प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट भी दी जाती थी। गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए कम से कम 1 ग्राम सोना खरीदना अनिवार्य था।
अब सरकार इस योजना को बंद करने की योजना बना रही है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति पर बोझ कम हो सके।