Sex Cities In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में जिस्मफरोशी के लिए मशहूर हैं ये शहर

Sex Cities In Madhya Pradesh: देश में एक तरफ महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, वहीं कुछ जगह ऐसी भी हैं जहां उनके लिए जीवन नर्क बना हुआ है...

Update: 2023-11-23 17:52 GMT

Sex Sities in MP 

Sex Cities In Madhya Pradesh: देश में एक तरफ महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, वहीं कुछ जगह ऐसी भी हैं जहां उनके लिए जीवन नर्क बना हुआ है। मध्यप्रदेश के मंदसौर, नीमच और रतलाम इलाकों में बांछड़ा समुदाय में जिस्मफरोशी को मान्यता मिली हुई है। यहां मां-बाप और परिवार के सदस्य ही बेटी के जिस्म का सौदा करते हैं। यहां लड़कियां 200 वर्ष से इस घिनौने धंधे से अपने परिवार का पेट पाल रही हैं।

बांछड़ा समुदाय के गांव यह जिस्मफरोशी का धंधा किया जाता है। जानकारी के अनुसार यहां करीब 70 गांव ऐसे हैं जिसमें 200 से ज्यादा जिस्मफरोशी की मंड़ि‍यां चलती हैं। मां-बाप को लड़कियों के इस काम से कोई एतराज नहीं होता, क्योंकि उनका परिवार ही इस घिनौने काम पर चलता है।

जैसे ही शाम होती है ये लोग सड़क किनारे बैठकर लड़कियों का सौदा करने के‍ लिए इंतजार करने लगते हैं। परिवार के मुखिया मां-बाप ही ग्राहक खोजते हैं। जानकारी के मुताबिक बांछड़ा समुदाय के ज्यादातर लड़के कुंआरे ही रह जाते हैं, जिसकी वजह है लड़की से शादी करने के लिए 15 लाख रुपए का दहेज।

बांछड़ा समुदाय के उत्थान के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन 'नई आभा सामाजिक चेतना समिति' के संयोजक आकाश चौहान ने बताया, 'मंदसौर, नीमच और रतलाम जिले में 75 गांवों में बांछड़ा समुदाय की 23,000 की आबादी रहती है. इनमें 2,000 से अधिक महिलायें और युवतियां देह व्यापार में लिप्त हैं.' चौहान ने दावा किया कि मंदसौर जिले की जनगणना के अनुसार यहां 1000 लड़कों पर 927 लड़कियां हैं, पर बांछड़ा समाज में स्थिति उलट है.

महिला सशक्तिकरण विभाग के वर्ष 2015 में कराये गये सर्वे में 38 गांवों में 1047 बांछड़ा परिवार में इनकी कुल आबादी 3435 दर्ज की गयी थी. इनमें 2243 महिलायें और महज 1192 पुरुष थे, यानी पुरुषों के मुकाबले दो गुनी महिलायें. वहीं नीमच जिले में वर्ष 2012 के एक सर्वे में 24 बांछड़ा बहुल गांवों में 1319 बांछड़ा परिवारों में 3595 महिलायें और 2770 पुरुष पाये गये.

अब तक सामने आए इतने मामले

इस पूरे मामले में मालवा में पुलिस इंस्पेक्टर अनिरुद्ध वाघिया ने बताया कि परिवार की लड़कियों को वेश्यावृत्ति के धंधे मे धकेलना चौंकाने वाला है. नीमच, मन्दसौर जिले में इस तरह के अब तक करीब 70 से अधिक मामले उजागर हुए हैं.

सामाजिक जागरुकता की जरूरत

नीमच के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) टीके विधार्थी ने कहा, ‘इस दिशा में पुलिस के चाहे जितने भी प्रयास हों वो नाकाफी हैं क्योंकि पुलिस कितने मुकदमे कायम करेगी? पुलिस की कार्रवाई उतनी प्रभावी नहीं होगी, इसके लिये सामाजिक जागरुगता की ज़रूरत है. यह एक सामूहिक बुराई है. अभी हाल ही में हमने इस दिशा में प्रयास शुरू किये हैं. '

स्टाम्प पेपर से बिकी बच्ची 

बांछड़ा समुदाय में जिस्मफरोशी के लिए मासूम बच्चियों की खरीद-फरोख्त का पहला मामला उस समय सामने आया जब 15 जुलाई 2014 को नीमच पुलिस ने कुकडेश्वर पुलिस थाना क्षेत्र के मौया गांव में स्थित बांछड़ा डेरे पर दबिश दी थी. यहां श्याम लाल बांछडा के घर पुलिस को 6 साल की बच्ची मिली. श्याम लाल की पत्नी प्रेमा बाई बांछडा ने पुलिस को बताया कि इस लड़की को सन् 2009 में वह नागदा से खरीद कर लाये थे.

इस सौदे को करवाने वाला दलाल रामचन्द्र मानव तस्करी के मामले में सन् 2011 से जेल मे बंद है. इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस भौचक्की रह गयी क्योंकि इसमें बाकायदा 500 रुपए के स्टाम्प पेपर पर बच्ची को बेचा गया था. पुलिस ने बच्ची को बरामद कर प्रेमबाई के विरुद्ध भादवि की धारा 370/4,372,373, मानव तस्करी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया.

Disclaimer : Story के सभी आंकड़े पुराने हैं, लेकिन हालात आज भी यही बताये जाते हैं. google पर इन जिलों की दास्तां भरी पड़ी हैं.

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