Railway Fare Hike : आज से महंगा हुआ ट्रेन का सफर, जानें आपकी जेब पर कितना बढ़ेगा बोझ और क्या हैं नए नियम?

Railway Fare Hike : भारतीय रेलवे में सफर करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए आज यानी शुक्रवार, 26 दिसंबर से सफर करना थोड़ा महंगा हो गया है।

Update: 2025-12-26 02:12 GMT

Railway Fare Hike : आज से महंगा हुआ ट्रेन का सफर, जानें आपकी जेब पर कितना बढ़ेगा बोझ और क्या हैं नए नियम?

Indian Railway Fare Hike 2025 : नई दिल्ली : भारतीय रेलवे में सफर करने वाले करोड़ों यात्रियों के लिए आज यानी शुक्रवार, 26 दिसंबर से सफर करना थोड़ा महंगा हो गया है। रेल मंत्रालय द्वारा हाल ही में घोषित की गई नई किराया दरें आज से प्रभावी रूप से लागू कर दी गई हैं। राहत की बात यह है कि किराए में यह बढ़ोतरी केवल आज या आज के बाद बुक किए जाने वाले टिकटों पर ही लागू होगी। जिन यात्रियों ने 26 दिसंबर से पहले अपना टिकट बुक कर लिया था, उनसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाएगा, चाहे उनकी यात्रा की तारीख आज के बाद की ही क्यों न हो।

Indian Railway Fare Hike 2025 : दूरी के हिसाब से तय होगा बढ़ा हुआ किराया रेल मंत्रालय की नई अधिसूचना के अनुसार, कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत दी गई है। 215 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए साधारण द्वितीय श्रेणी के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, 215 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए साधारण श्रेणी में एक पैसा प्रति किलोमीटर और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की गैर-वातानुकूलित (Non-AC) व सभी एसी (AC) श्रेणियों के लिए दो पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है। लंबी दूरी की यात्राओं के लिए यह वृद्धि स्लैब के आधार पर होगी, जिसमें 216 किमी से लेकर 2250 किमी तक की दूरी के लिए 5 रुपये से लेकर 20 रुपये तक की अतिरिक्त राशि चुकानी होगी।

इन प्रीमियम ट्रेनों पर भी पड़ेगा असर रेलवे का यह नया नियम केवल साधारण एक्सप्रेस ट्रेनों तक सीमित नहीं है। देश की प्रीमियम ट्रेनें जैसे वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, तेजस और अमृत भारत जैसी ट्रेनों के किराए में भी श्रेणी के आधार पर यही बढ़ोतरी लागू होगी। हालांकि, मंत्रालय ने साफ किया है कि रिजर्वेशन शुल्क, सुपरफास्ट चार्ज और जीएसटी (GST) की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही, उपनगरीय (Suburban) सेवाओं और सीजन टिकट (Monthly Pass) के किराए को पहले की तरह ही बरकरार रखा गया है, ताकि दैनिक यात्रियों पर कोई वित्तीय बोझ न पड़े।

मंत्रालय ने फैसले को बताया जरूरी किराए में इस संशोधन को सही ठहराते हुए रेल मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम रेलवे के परिचालन को बेहतर बनाने और सेवाओं की निरंतरता (Sustainability) बनाए रखने के लिए उठाया गया है। साल भर के भीतर यह दूसरी बार है जब रेल किराए में बदलाव किया गया है, इससे पहले जुलाई में भी बढ़ोतरी की गई थी। मंत्रालय का तर्क है कि आधुनिक सुविधाओं और रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए यह मामूली वृद्धि आवश्यक थी, जिससे यात्रियों को भविष्य में और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

विशेषज्ञों की राय और दूसरा पहलू

पेंशन और वेतन का बढ़ता बोझ जानकारों का कहना है कि रेलवे पर इस समय पेंशन और कर्मचारियों के वेतन का भारी दबाव है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में रेलवे की संचालन लागत (Operating Cost) बढ़कर लगभग 2.63 लाख करोड़ तक पहुँच गई है। इसमें से सिर्फ वेतन और पेंशन का हिस्सा ही 1.75 लाख करोड़ के करीब है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले साल लागू होने वाले आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशों के बाद यह खर्च और बढ़ेगा, जिसकी भरपाई के लिए किराए में यह मामूली रेशनलाइजेशन जरूरी हो गया था।

600 करोड़ के अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद रेलवे को उम्मीद है कि इस किराए वृद्धि से शेष वित्त वर्ष में लगभग 600 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। यह इस साल की दूसरी बढ़ोतरी है (पहली जुलाई 2025 में हुई थी)। जानकारों का मानना है कि रेलवे अब 'एक बार में बड़ा बोझ' डालने के बजाय समय-समय पर 'मामूली बदलाव' करने की रणनीति अपना रहा है, ताकि यात्रियों को एक साथ बड़ी महंगाई का झटका न लगे।

क्या वाकई महंगा होगा सफर? एक रेलवे विश्लेषक के अनुसार, 500 किमी की यात्रा पर 10 की बढ़ोतरी एक आम यात्री के बजट को बुरी तरह प्रभावित नहीं करेगी। सरकार का मुख्य ध्यान क्रॉस-सब्सिडी को कम करना है (यानी माल ढुलाई से होने वाली कमाई का इस्तेमाल यात्री घाटे को भरने में कम करना)। राहत की बात यह भी है कि अब भी रेलवे हर टिकट पर यात्रियों को औसतन 50% से ज्यादा की सब्सिडी दे रहा है।

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