Rahaveer Yojana Kya Hai: 'राहवीर योजना' के तहत मिल रहा 25,000 का इनाम, बस करना होगा ये काम
'राहवीर योजना' भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही है। घायल को गोल्डन ऑवर यानी हादसे के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचाने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
Rahaveer Yojana Kya Hai: 'राहवीर योजना' भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही है। अकसर ऐसा देखने को मिलता है कि जब कहीं सड़क हादसा होता है तो लोग पुलिस या अन्य किसी डर से घायल की मदद करने से हिचकिचाते हैं, घायल की मदद करने के बजाए वह भागने लगते हैं, इसी को देखते हुए भारत सरकार की ओर से 'राहवीर योजना' चलाई जा रही है जिसे मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में भी लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत घायल को गोल्डन ऑवर यानी हादसे के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचाने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
क्या है 'राहवीर योजना'
भारत सरकार की 'राहवीर योजना' एक बड़ी पहल है। जिसका उद्देश्य सिर्फ सड़क हादसों में घायल लोगों को समय पर चिकित्सा सहायता देना है। राहवीर योजना' के तहत यदि कोई नागरिक गोल्डन ऑवर यानी हादसे के तुरंत बाद सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाता है और उसकी जान बचाने में मदद करता है, तो सरकार उसे 25,000 का प्रोत्साहन पुरस्कार देती है।
क्या मिलेगा मददगार को?
'राहवीर योजना' के तहत यदि कोई नागरिक गोल्डन ऑवर यानी हादसे के तुरंत बाद सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाता है तो उसे 25,000 तक की नकद राशि दी जाती है। साथ ही उसे सम्मानित भी किया जाता है। इसके अलावा कई लोगोंं को यह डर रहता है कि घायल की मदद करने से वह कानूनी कार्रवाई में फंस सकते हैं तो बता दें कि इस योजना के तहत जब तक वह खुद न चाहे तब तक उसे किसी भी तरह की पुलिस पूछताछ से छूट दी जाती है।
कौन कर सकता है मदद ?
अब रहा ये सवाल कि 'राहवीर योजना' के तहत किसको प्रोत्साहन राशि और सम्मान मिल सकता है। बता दें कि वह कोई भी आम नागरिकस, लेकिन वह घायल का रिश्तेदार नहीं होना चाहिए। सिर्फ मानवता के नाते मदद कर रहा हो और अपनी पहचान उजागर करना न चाहे तो भी वह मदद कर सकता है।
योजना के लिए कैसे करें आवेदन
अगर आप ने या किसी ने गोल्डन ऑवर यानी हादसे के तुरंत बाद घायल को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचााई हो और उसे इस योजना का लाभ उठाना है तो अस्पताल प्रशासन या पुलिस में सूचना दें कि आपने घायल की मदद की है। जिसके बाद जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाती है और सत्यापन के बाद आपको प्रोत्साहन राशि दी जाती है।