India Russia Trade Deal: आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने की तैयारी
व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली यात्रा का सेन्टर पॉइंट भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी का एक्सपेंशन रहेगा। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में सरकारी स्तर पर 10 समझौतों के अलावा 15 बड़े व्यापारिक सौदों पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। फार्मा, कृषि, कृषि उत्पाद, उर्वरक, इंजीनियरिंग सामान और आईटी सेक्टर को इन डील्स का प्रमुख लाभ मिलने की संभावना है। दोनों देशों के नेता आपसी व्यापार को मौजूदा स्तर से आगे ले जाने के रोडमैप पर भी चर्चा करेंगे ताकि आने वाले वर्षों में आर्थिक सहयोग को रणनीतिक साझेदारी में बदला जा सके।
Nuclear Energy Cooperation: परमाणु ऊर्जा और नए रिएक्टर पर होगी बातचीत
भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग भी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल रहेगा। पहले से जारी परमाणु परियोजनाओं के अलावा नए रिएक्टरों पर भी बातचीत हो सकती है। रूस भारत में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास के लिए तकनीकी सहयोग बढ़ाने को तैयार है। इसे दोनों देशों के दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे भारत की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को स्थिर और सुरक्षित रूप से पूरा करने में मदद मिलेगी।
Global Issues चर्चा में: यूक्रेन, अमेरिका और यूरेशिया की स्थिरता पर मंथन
दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ वैश्विक हालात पर भी गंभीर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन युद्ध, अमेरिका के साथ संबंध, यूरेशियन क्षेत्र की स्थिरता और वैश्विक वित्तीय सहयोग जैसे संवेदनशील विषयों पर अपने-अपने एप्रोच साझा करेंगे। शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी पुतिन के सम्मान में एक निजी रात्रि भोज की मेजबानी करेंगे, जहां रणनीतिक और कूटनीतिक मुद्दों पर खुलकर विचार-विमर्श होने की संभावना है।
Big Russian Delegation: सात मंत्री और बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल साथ आएगा
राष्ट्रपति पुतिन के साथ इस दौरे पर रूस का एक बेहद शक्तिशाली प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है जिसमें उनकी सरकार के सात मंत्री शामिल हैं। इस दल में रूस के रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर जैसे अहम पदों पर बैठे अधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही एक बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी भारत आएगा जो दोनों देशों के उद्योग जगत के बीच सीधे सहयोग और निवेश साझेदारी को नई दिशा देगा। पुतिन ने भारत आने से पहले साफ कहा है कि वह रूसी बाजारों में भारतीय आयात का दायरा और ज्यादा बढ़ाने पर जोर देंगे।
Putin Statement: भारत-रूस संबंध बेहद मजबूत, व्यापार में तेजी
भारत दौरे से पहले आयोजित VTB निवेश फोरम में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत का मुख्य केंद्र भारतीय आयात और आर्थिक सहयोग का विस्तार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों के साथ रूस का द्विपक्षीय व्यापार पिछले तीन वर्षों में तेजी से बढ़ा है। पुतिन के मुताबिक, फार्मा, कृषि, इंजीनियरिंग और आईटी जैसे सेक्टर भविष्य में भारत-रूस व्यापार के सबसे बड़े ग्रोथ इंजन बनेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस दौरे से नागरिक परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे पारंपरिक सहयोग क्षेत्रों को नई गति मिलेगी।