DIG Harcharan Singh Bhullar: IPS हरचरण सिंह भुल्लर सस्पेंड, घर से बरामद हुए थे 7.5 करोड़ कैश और सोना, जानिए अब तक क्या हुआ?
DIG Harcharan Singh Bhullar: पंजाब के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को सीबीआई ने रिश्वत लेते पकड़ा। उनके घर से 7.5 करोड़ रुपये, 2.5 किलो सोना और 26 लग्जरी घड़ियां मिलीं। पंजाब सरकार ने सस्पेंड किया।
DIG Harcharan Singh Bhullar: रिश्वत के आरोप में फंसे रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को पंजाब सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। गृह विभाग की ओर से शनिवार को जारी आदेश में कहा गया है कि भुल्लर की गिरफ्तारी के 48 घंटे बीत जाने के बाद, सेवा नियम 3(2) के तहत उन्हें अपने-आप सस्पेंड माना जाएगा। यह आदेश गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर (IAS) के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
सीबीआई ने डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को फतेहगढ़ साहिब के कबाड़ व्यापारी आकाश भट्टा की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। शिकायत के अनुसार, भुल्लर ने व्यापारी के खिलाफ दर्ज एक पुराने केस को खत्म करने के बदले आठ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। सीबीआई ने गुरुवार को उन्हें मोहाली स्थित कार्यालय में हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद एजेंसी ने उनके चंडीगढ़ स्थित घर पर छापा मारा।
घर से बरामद हुए करोड़ों रुपये और सोना
छापे के दौरान सीबीआई को भुल्लर के घर से 7.50 करोड़ रुपये नकद, 2.5 किलो सोना, 26 लग्जरी घड़ियां, विदेशी शराब, और एक लाइसेंसी हथियार मिला। बरामदगी के बाद यह सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी रकम और कीमती सामान भुल्लर के पास कहां से आया। अब जांच इस बात पर है कि उनकी संपत्ति कानूनी है या अवैध स्रोतों से जुटाई गई।
गृह विभाग का आदेश क्या है?
गृह विभाग ने आदेश में लिखा है कोई भी अधिकारी जो किसी आपराधिक मामले में या किसी अन्य वजह से 48 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रहता है, उसे अपने-आप सस्पेंड माना जाएगा। इस नियम के तहत हरचरण सिंह भुल्लर को 16 अक्टूबर से सस्पेंड किया गया है। अब वे जांच पूरी होने तक किसी भी पुलिस या सरकारी काम में शामिल नहीं रहेंगे।
अदालत में पेशी और भुल्लर का बयान
गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को भुल्लर को मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। पेशी से पहले जब मीडिया ने उनसे सवाल किए तो भुल्लर ने जवाब दिया अदालत न्याय करेगी, हम सब कुछ अदालत के सामने रखेंगे। अदालत ने उन्हें फिलहाल न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
CBI की FIR में क्या आरोप हैं?
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, शिकायतकर्ता आकाश भट्टा ने आरोप लगाया कि भुल्लर ने अपने बिचौलिए के जरिए रिश्वत मांगी थी। एफआईआर में कहा गया है कि भुल्लर ने 2023 में दर्ज केस को रफा-दफा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके स्क्रैप बिजनेस के खिलाफ कोई और कार्रवाई न हो, “सेवा-पानी” के नाम पर मासिक भुगतान की मांग की थी। शिकायत में यह भी कहा गया कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो भुल्लर ने व्यापारी को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।
कौन हैं हरचरण सिंह भुल्लर?
भुल्लर का जन्म 1967 में हुआ था। वे SPS (स्टेट पुलिस सर्विस) से प्रमोशन पाकर 2021 में IPS बने। अपने करियर में वे रूपनगर रेंज के डीआईजी, पटियाला रेंज के आईजी, और विक्रम सिंह मजीठिया ड्रग केस की SIT के प्रमुख रह चुके हैं। उनके पिता मेजर मेहल सिंह भुल्लर, पंजाब के पूर्व डीजीपी रहे हैं। तेजतर्रार और सख्त छवि के लिए पहचाने जाने वाले भुल्लर अब भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों में घिरे हैं।
जांच अब कहां तक पहुंचेगी
सीबीआई ने अब उनके बैंक खातों, लॉकरों और प्रॉपर्टी की जांच शुरू कर दी है। एजेंसी का कहना है कि फोकस अब इस बात पर रहेगा कि भुल्लर की संपत्ति किन स्रोतों से बनी और क्या उसमें सरकारी पद का दुरुपयोग हुआ।
डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर का मामला पंजाब पुलिस के लिए बड़ा झटका है। एक ऐसा अफसर, जिसने कभी ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई की, आज खुद भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार है। सीबीआई की जांच और सरकार की सख्ती से यह संदेश साफ है कि अब कोई भी पद या वर्दी कानून से ऊपर नहीं है।