Nitish Kumar News: "पलटू चाचा" नीतीश कुमार के सहारे मोदी कैसे चलेगी मोदी सरकार? जानिए कब-कब नीतीश ने मारी पलटियां?
Nitish Kumar News: लोकसभा चुनाव 2024 की फिजा साफ हो चुकी है। बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन ने कड़ी टक्कर दी है। एनडीए को बहुमत का आंकड़ा जरूर मिल गया है, लेकिन बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।
Nitish Kumar News: लोकसभा चुनाव 2024 की फिजा साफ हो चुकी है। बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन ने कड़ी टक्कर दी है। एनडीए को बहुमत का आंकड़ा जरूर मिल गया है, लेकिन बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हो रही है, जो सियासी पलटी मारने में के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि बीजेपी भले ही अपने सहयोगी दलों के सहारे सरकार बना ले, लेकिन नीतीश कुमार जैसे नेताओं के सहारे एनडीए की नाव कैसे पार होगी? जानिए कब-कब नीतीश ने मारी पलटियां।
1994 में जनता दल से अलग होकर बनाई थी समता पार्टी
नीतीश कुमार ने 1994 में जनता दल से अलग होकर समता पार्टी बनाई थी। उस समय जॉर्ज फर्नानडीज उनके साथ थे। 90 के दशक में नीतीश कुमार पहली बार बीजेपी के साथ आए थे। उन्होंने 2005 में बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी। लेकिन 2013 में नीतीश कुमार ने पहली बार 17 साल लंबे राजनीतिक गठबंधन को खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का विरोध जताया और 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा। इस चुनाव में जेडीयू को केवल दो सीटें मिलीं, जबकि 2009 के चुनावों में उन्हें 18 सीटें मिली थीं।
कांग्रेस-राजद से मिलाया था हाथ
2014 में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद नीतीश कुमार ने जेडीयू की हार की जिम्मेदारी ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने जीतन राम मांझी को सीएम नियुक्त किया। कांग्रेस और राजद ने जेडीयू का समर्थन किया और महागठबंधन का गठन हुआ। इस गठबंधन ने 2015 के राज्य चुनाव में नीतीश कुमार को जीत दिलाई और तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने।
2017 में फिर से बीजेपी से मिलाया हाथ
2016 में नीतीश कुमार गठबंधन में राजद के महत्व से असंतुष्ट हो गए। उन्होंने बीजेपी की नोटबंदी और जीएसटी नीतियों का समर्थन किया। जब सीबीआई ने लालू यादव और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए, तो नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा। लालू यादव ने इनकार कर दिया, जिसके बाद नीतीश कुमार ने 2017 में फिर से बीजेपी से हाथ मिला लिया और मुख्यमंत्री बने। उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन में बहुमत सीटों के साथ चौथी बार सीएम पद संभाला।
2022 में फिर बीजेपी को दिया झटका
गठबंधन के एक साल पूरा होने पर नीतीश कुमार ने बिहार में दो डिप्टी सीएम की नियुक्ति पर असंतोष जताया। इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर भी आपत्ति जताई। अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी उनका अस्तित्व समाप्त करना चाहती है और एनडीए गठबंधन छोड़ दिया। राजद ने उनका स्वागत किया और नीतीश कुमार ने सीएम पद बरकरार रखा।
नीतीश ने रखी थी इंडिया गठबंधन की नींव
नीतीश कुमार ने सियासी पाला बदलने के बाद नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का बीड़ा उठाया। नीतीश कुमार ही वो नेता हैं, जिन्होंने इंडिया गठबंधन की नींव रखी थी। शुरुआत में नीतीश कुमार देश में घूम-घूमकर विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे थे। इंडिया गठबंधन की पहली बैठक नीतीश कुमार की मेजबानी में पटना में हुई थी, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने फिर से अपना पाला बदल दिया। इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया और एनडीए का हिस्सा बन गए।
2024 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन में रहते हुए चुनाव लड़े और उनके 12 सांसद जीतने में सफल रहे हैं। बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत न मिलने के चलते नीतीश कुमार की भूमिका काफी अहम हो गई है। एनडीए के साथ रहते हैं तो मोदी की सरकार चलती रहेगी, लेकिन पलटी मारते हैं तो फिर इंडिया गठबंधन के लिए उपहार से कम नहीं होगा। ऐसे में मोदी जी बैसाखी के सहारे भले ही सरकार बना लें, लेकिन नीतीश कुमार जैसे नेता कब गच्चा दें देंगे यह कहना मुश्किल है।