Mahinder Kaur Case: कौन हैं 78 साल की महिंदर कौर? जिनके आगे झुकी कंगना रनौत! मांगनी पड़ी माफ़ी, जानिए क्या है पूरा विवाद?

Kangana Ranaut Mahinder Kaur Case: किसान आंदोलन के दौरान ‘100 रुपये वाली दादी’ कहे जाने से अपमानित महिंदर कौर ने चार साल की कानूनी लड़ाई ...

Update: 2025-10-29 10:40 GMT

Kangana Ranaut Mahinder Kaur Case: किसान आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर 100 रुपये वाली दादी कहकर अपमानित की गईं 78 वर्षीय महिंदर कौर अब पूरे देश में साहस और सम्मान की मिसाल बन गई हैं। पंजाब के बठिंडा ज़िले के बहादुरगढ़ जंडियां गांव की रहने वाली बुजुर्ग किसान महिला ने चार साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार अपने सम्मान की जीत हासिल की। आखिरकार सोमवार को बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद कंगना रनौत बठिंडा की अदालत में पेश हुईं थी और माफी मांगते हुए कहा- यह एक गलतफहमी थी।

कौन हैं महिंदर कौर?
महिंदर कौर पंजाब के एक छोटे किसान परिवार से आती हैं। उनके पास 13 एकड़ जमीन है । वह हर दिन अपने बीमार पति लभ सिंह और बिस्तर पर पड़े बेटे गुरदास की देखभाल करती हैं। महिंदर कौर कहती हैं 13 एकड़ सुनने में बड़ी लगती है लेकिन आमदनी किसी दफ्तर के चपरासी जितनी भी नहीं होती। कौर आज भी चूल्हे पर खाना बनाती हैं और खेतों में काम करती हैं उनकी जिंदगी संघर्ष की मिसाल है।
महिंदर कौर के हौसले की कहानी
करीब डेढ़ साल पहले कौर की बहू की मौत संक्रमण से हो गई। बेटा पिछले तीन महीनों से पैर के संक्रमण के कारण बिस्तर पर है। खुद महिंदर उम्र और हालात से थकी ज़रूर हैं लेकिन उनके हौसले में कभी कमी नहीं आई। वह कहती हैं यह लड़ाई अब सिर्फ मेरे लिए नहीं है बल्कि उन सभी महिलाओं के सम्मान के लिए है जो खेतों में पसीना बहाती हैं।
क्या था कंगना ट्वीट?
यह मामला 2020–21 के किसान आंदोलन से जुड़ा है। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें महिंदर कौर की तस्वीर लगाकर लिखा था ये वही दादी हैं जो टाइम मैगजीन में छपी थीं और जो 100 रुपये में प्रदर्शन के लिए उपलब्ध हैं। इस टिप्पणी ने किसान समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया था। महिंदर कौर ने कहा कि यह टिप्पणी उनके और मेहनतकश महिलाओं के सम्मान के खिलाफ थी, और उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।


कोर्ट में पेश हुईं कंगना, मांगी माफी
सोमवार को कंगना रनौत बठिंडा कोर्ट में पेश हुईं। उन्होंने अदालत में माफी मांगते हुए कहा कि यह गलतफहमी थी। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी और अगली सुनवाई 24 नवंबर को तय की। हालाँकि महिंदर कौर अदालत में मौजूद नहीं थीं, लेकिन उनके गांव में इस फैसले को सम्मान की जीत के रूप में देखा जा रहा है।
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