Jharkhand Politics: BJP में शामिल होंगे चंपाई सोरेन, दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद हुआ फैसला

Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने पर मुहर लग गई है। पिछले कई दिनों से अटकलें लगाई जा रहीं थी कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते है। अब चंपई सोरेन 30 अगस्त को आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे।

Update: 2024-08-27 06:01 GMT

Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने पर मुहर लग गई है। पिछले कई दिनों से अटकलें लगाई जा रहीं थी कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते है। अब चंपई सोरेन 30 अगस्त को आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी है। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम ने यह फैसला लिया है। सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के सीनियर नेताओं में गिने जाते हैं।

अब ऐसी भी चर्चा है कि 30 अगस्त को चंपई सोरेन के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई बड़े नेता भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हिमंता बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि झारखंड के पूर्व सीएम और हमारे देश के प्रतिष्ठित आदिवासी नेता चंपाई सोरेन जी ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की। वो आधिकारिक तौर पर 30 अगस्त को रांची में बीजेपी में शामिल होंगे।

पिछले कई दिनों से खबरें आ रही थी कि चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपनी मुक्ति चाहते हैं। इसके लिए कई बार कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। फिर इसके बाद कहा गया है कि वो अलग पार्टी बना सकते हैं। इससे पहले कोलकाता से दिल्ली के लिए चंपई सोरेन रवाना हुए थे। कहा जा रहा था कि वो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। हालांकि उस दौरान उनकी मुलाकात शाह से नहीं हो सकी थी। तब सोरेन ने कहा था कि वो अपने निजी काम से दिल्ली आए हैं। उनकी बेटी यहां रहती है, जिससे वो मिलने आए हैं। हालांकि अब सभी तरह की अटकलों पर विराम लग गया है। अब चंपई सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी का दामन थामेंगे।

बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। उसकी नजर यहां के आदिवासी वोटरों पर है। जिनका बड़े स्तर पर समर्थन अभी तक बीजेपी को नही मिला है। यही वजह है कि पार्टी के चुनाव पर्यवेक्षक और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा की भी नजर पार्टी में हाशिए पर चले गए आदिवासी नेताओं पर है। वह बारी-बारी से सभी आदिवासी नेताओं से मिल रहे हैं।

30 अगस्त के बाद चंपई सोरेन का झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से करीब पांच दशकों का नाता अब टूट जाएगा। चंपाई सोरेन दसवीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान शिबू सोरेन के अलग झारखण्ड राज्य आंदोलन से जुड़ गए थे। चंपई करीब पांच दशकों तक जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के खास रहे हैं। चंपई सोरेन जेएमएम के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। साल 1991 में पहली बार बिहार विधान सभा उपचुनाव में सरायकेला से निर्दलीय विधायक चुने गए थे।

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