ISRO का नया धमाका : दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल सैटेलाइट बाहुबली रॉकेट LVM3 किया लॉन्च, अब खत्म होगा नेटवर्क का झंझट, अंतरिक्ष से सीधे आपके फोन में आएगा सिग्नल

ISRO का नया धमाका : ISRO ने एक बार फिर दुनिया भर में भारत का डंका बजा दिया है। आज यानी 24 दिसंबर की सुबह इसरो के बाहुबली कहे जाने वाले रॉकेट LVM3 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शानदार उड़ान भरी।

Update: 2025-12-24 06:18 GMT

ISRO का नया धमाका : दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल सैटेलाइट बाहुबली रॉकेट LVM3 किया लॉन्च, अब खत्म होगा नेटवर्क का झंझट, अंतरिक्ष से सीधे आपके फोन में आएगा सिग्नल

ISRO BlueBird Block-2 Launch : श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर दुनिया भर में भारत का डंका बजा दिया है। आज यानी 24 दिसंबर की सुबह इसरो के बाहुबली कहे जाने वाले रॉकेट LVM3 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शानदार उड़ान भरी। इस मिशन की सबसे खास बात यह है कि यह इसरो के इतिहास का अब तक का सबसे भारी कमर्शियल मिशन है। इस रॉकेट के जरिए अमेरिका की कंपनी AST स्पेस मोबाइल का ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 (BlueBird Block-2) सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा गया है, जो मोबाइल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाने वाला है।

ISRO BlueBird Block-2 Launch : स्पेस से सीधे मोबाइल पर मिलेगा 5G नेटवर्क अक्सर हम देखते हैं कि पहाड़ों, जंगलों या दूरदराज के इलाकों में मोबाइल टावर न होने की वजह से नेटवर्क नहीं मिल पाता। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट इसी समस्या को जड़ से खत्म कर देगा। यह कोई साधारण सैटेलाइट नहीं है, बल्कि लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजा गया अब तक का सबसे विशाल कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट है। इसमें एक बहुत बड़ा एंटीना लगा है, जिसका आकार किसी छोटे घर के बराबर है। इसकी मदद से अंतरिक्ष से सीधे आपके स्मार्टफोन पर 4G और 5G की सुविधा मिलेगी। अब आपको कॉल करने या इंटरनेट चलाने के लिए पास में टावर होने की जरूरत नहीं होगी।

ISRO BlueBird Block-2 Launch : इसरो के बाहुबली ने दिखाया अपना दम इस ऐतिहासिक लॉन्चिंग के लिए इसरो ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 का इस्तेमाल किया। 14 मंजिला इमारत जितना ऊंचा यह रॉकेट करीब 640 टन वजनी है। इस मिशन में रॉकेट ने लगभग 6500 किलोग्राम वजन के सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाया, जो इस रॉकेट द्वारा ले जाया गया अब तक का सबसे भारी पेलोड है। उड़ान भरने के महज 15 मिनट के भीतर ही रॉकेट ने सैटेलाइट को पृथ्वी से 520 किलोमीटर ऊपर उसकी कक्षा (Orbit) में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इस मिशन की सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारी सैटेलाइट लॉन्च करने के मामले में भारत अब दुनिया के टॉप देशों में शामिल है।

दुनिया भर के यूजर्स को होगा बड़ा फायदा इस मिशन का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को मिलने वाला है। यह सैटेलाइट ग्लोबल कनेक्टिविटी के मकसद से बनाया गया है। यानी आने वाले समय में आप दुनिया के किसी भी कोने में रहें, आपके मोबाइल पर वॉयस कॉल, वीडियो कॉल और हाई-स्पीड इंटरनेट बिना किसी रुकावट के उपलब्ध होगा। इसके साथ ही, इसरो की कमर्शियल शाखा 'न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड' (NSIL) और अमेरिकी कंपनी के बीच हुआ यह समझौता अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की साख को और मजबूती देगा। इससे न केवल भारत की कमाई बढ़ेगी, बल्कि भविष्य में ऐसे और भी बड़े मिशन भारत को मिल सकते हैं।


इस मिशन की सबसे बड़ी तकनीकी खूबी इसका विशालकाय एंटीना है, जो अंतरिक्ष में खुलने के बाद लगभग 2400 वर्ग फुट के क्षेत्र को कवर करता है। यह किसी भी कमर्शियल सैटेलाइट में लगा अब तक का सबसे बड़ा और शक्तिशाली एंटीना सिस्टम है। यह एंटीना एक लो अर्थ ऑर्बिट सेलुलर टावर की तरह काम करेगा, जो सीधे आपके साधारण स्मार्टफोन से कनेक्ट हो सकेगा। इसका मतलब यह है कि इस तकनीक के लिए आपको किसी विशेष सैटेलाइट फोन की जरूरत नहीं होगी, बल्कि आपके पास मौजूद 4G या 5G फोन ही अंतरिक्ष से सिग्नल पकड़ने में सक्षम होगा।

इसके अलावा, यह लॉन्चिंग वैश्विक स्तर पर डेड ज़ोन (Dead Zones) को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दुनिया के कई ऐसे हिस्से हैं जहां भौगोलिक चुनौतियों के कारण मोबाइल टावर लगाना नामुमकिन है, जैसे समुद्र के बीच, गहरे रेगिस्तान या हिमालय की दुर्गम चोटियां। ब्लूबर्ड ब्लॉक-3 इन इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट और वॉयस कॉलिंग की सुविधा देगा। साथ ही, आपातकालीन स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के समय, जब जमीन पर लगे टावर काम करना बंद कर देते हैं, तब यह सैटेलाइट नेटवर्क लोगों की जान बचाने और राहत कार्यों में संचार का सबसे भरोसेमंद जरिया बनेगा।

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