IPS पूरन कुमार केस में नया मोड़: अब IPS पूरन की IAS पत्नी अमनीत पर FIR दर्ज, कल ही पति का हुआ था अंतिम संस्कार
IPS Puran Kumar: हरियाणा के आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या के नौ दिन बाद कल चंडीगढ़ में उनका पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार हुआ था। इसी बीच एएसआई संदीप लाठर केस में पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत कुमार, विधायक अमित रतन और दो अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई है।
IPS Puran Kumar: हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के नौ दिन बाद आखिरकार कल बुधवार को उनका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद चंडीगढ़ में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पूरन कुमार की दोनों बेटियों ने पिता को मुखाग्नि दी, जिससे पूरा माहौल भावुक हो उठा।
इसी बीच, इस पूरे घटनाक्रम में बड़ा ट्विस्ट आ गया है एएसआई संदीप लाठर सुसाइड केस में पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत कुमार और तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर में आईएएस अमनीत के भाई विधायक अमित रतन और जेल में बंद गनमैन सुशील कुमार का नाम भी शामिल है।
पूरन कुमार ने आत्महत्या से पहले अपने नोट में लिखा था कि उन्हें जातीय भेदभाव और भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार ने घटना के बाद खुलकर कहा था कि पूरन कुमार को सिस्टम के भीतर से टारगेट किया जा रहा था।
ASI संदीप लाठर केस से बढ़ी हलचल
पूरन कुमार की मौत के कुछ दिन बाद ही रोहतक साइबर सेल के 42 साल के एएसआई संदीप लाठर ने भी आत्महत्या कर ली थी। संदीप ने अपने चार पन्नों के फाइनल नोट में पूरन कुमार की पत्नी अमनीत को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही एक 28 सेकेंड का वीडियो संदेश छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कहा अगर आज भगत सिंह जिंदा होते तो उन्हें शर्म आती कि हम किन लोगों के लिए लड़े। मैं ईमानदारी की लड़ाई में अपनी कुर्बानी दे रहा हूं।
ASI लाठर की पत्नी ने ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब दोनों सुसाइड केस को आपस में लिंक करके जांच शुरू कर दी है।
सीएम सैनी और हुड्डा पहुंचे लाठर के गांव
पूरन कुमार के अंतिम संस्कार वाले दिन ही मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा एएसआई संदीप लाठर के पैतृक गांव लाढौत (रोहतक) पहुंचे। दोनों नेताओं ने परिवार से मुलाकात की और न्याय का भरोसा दिलाया।
गांववालों ने पहले शव को उठाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जब तक पूरन कुमार की पत्नी को गिरफ्तार नहीं किया जाता, पोस्टमार्टम नहीं होगा। सीएम सैनी के आश्वासन के बाद परिवार पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गया।
लाठर परिवार की तीन प्रमुख मांगें
संदीप लाठर के परिवार ने सरकार के सामने ये तीन मांगें रखी हैं, जिसमे संदीप को शहीद का दर्जा दिया जाए। उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए। परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा दी जाए। परिवार का कहना है कि जब तक सरकार लिखित आश्वासन नहीं देती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
हरियाणा पुलिस ने दोनों मामलों को आपस में जुड़ा हुआ मानते हुए संयुक्त जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक की टीम पूरन कुमार और संदीप लाठर के सुसाइड नोट्स, मोबाइल रिकॉर्ड्स और वीडियो क्लिप्स की जांच कर रही है। डीजीपी ऑफिस ने गृह विभाग को प्रारंभिक रिपोर्ट भेज दी है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार केस को सीबीआई या विशेष जांच दल (SIT) को सौंपने पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा पूरन कुमार और संदीप लाठर के बीच जो भी संपर्क रहा, उसका पूरा डिजिटल ऑडिट किया जा रहा है।
कौन थे पूरन कुमार?
पूरन कुमार 2009 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। वे विजिलेंस ब्यूरो, क्राइम ब्रांच और ट्रैफिक पुलिस जैसे अहम विभागों में कार्यरत रह चुके थे। सहकर्मियों के मुताबिक, वे ईमानदारी और सख्त अनुशासन के लिए जाने जाते थे।
लेकिन बीते कुछ महीनों में वे मानसिक दबाव और सिस्टम की राजनीति से लड़ रहे थे। भ्रष्टाचार के आरोपों ने उन्हें तोड़ दिया और जातीय भेदभाव की घटनाओं ने हालात और खराब कर दी। आखिरकार उन्होंने 10 दिन पहले अपनी जान दे दी।