Indian Defense Budget News: अब और ताकतवर होगी भारतीय सेना, रक्षा बजट बढ़ाने की तैयारी कर रही केंद्र सरकार!
Indian Defense Budget News: भारतीय सेना लगातार अपना शौर्य दिखा रही है हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने रक्षा बजट में 50 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है. आइये जानते हैं कब मिलेगी इसे मंजूरी.
Indian Defense Budget News: भारतीय सेना लगातार अपना शौर्य दिखा रही है हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने रक्षा बजट में 50 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है. आइये जानते हैं कब मिलेगी इसे मंजूरी.
दरअसल रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला तब लिया गया जब पाकिस्तान के खिलाफ सटीक और तकनीकी रूप से सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. इस ऑपरेशन के बाद अब सरकार की कोशिश है कि सेना को और अधिक आधुनिक बनाया जाए और उसकी ताकत को वैश्विक मानकों के अनुरूप मजबूत किया जाए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने यह प्रस्ताव केंद्र को सौंपा है, जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है.
ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना ने 7 मई को अंजाम दिया था, जिसमें सीमा पार किए बिना ही पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी कैंपों को नष्ट किया गया. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें भारतीय सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी. ऑपरेशन सिंदूर की खास बात यह रही कि भारत ने अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से अपने ही क्षेत्र से दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह खत्म कर दिया.
कितना बढ़ेगा सैन्य बजट
रक्षा मंत्रालय के इस बजट वृद्धि प्रस्ताव के बाद कुल सैन्य बजट 7.3 लाख करोड़ रूपए से अधिक हो जाएगा. अभी फरवरी 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रूपए का बजट दिया था, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 9.5 प्रतिशत ज्यादा था. 2014-15 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने पहला बजट पेश किया था, तब रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रूपए का बजट दिया गया था. इन दस सालो में रक्षा बजट में तीन गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए इसे और बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है.
भारत के सैन्य बजट की एक बड़ी चुनौती यह भी है कि उसका 75 प्रतिशत हिस्सा सैलरी और पेंशन में खर्च हो जाता है. इसका मतलब है कि सिर्फ 25 प्रतिशत बजट ही हथियारों की खरीद, सैन्य अनुसंधान, तकनीकी उन्नयन और आधुनिकीकरण जैसे जरूरी कार्यों में खर्च किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे दो मोर्चों पर तैयार रहना है, तो उसका रक्षा खर्च उसकी GDP का कम से कम 2.5 प्रतिशत होना चाहिए. फिलहाल यह आंकड़ा लगभग 1.9 प्रतिशत पर है.
क्या है रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव में
रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव में कहा गया है कि अतिरिक्त 50 हजार करोड़ रूपए की राशि से सेना के लिए नई तकनीक आधारित हथियार खरीदे जाएंगे, गोला-बारूद की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी और रिसर्च डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अलावा साइबर सुरक्षा, स्पेस वारफेयर, ड्रोन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सैन्य सिस्टम्स पर भी फोकस किया जाएगा. सेना की तैयारियों को आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने के लिए यह राशि उपयोगी साबित होगी.
शीतकालीन सत्र में हो सकता है प्रस्ताव पारित
अब जब संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में होने वाला है, तो इस दौरान रक्षा बजट में प्रस्तावित वृद्धि पर चर्चा और स्वीकृति की संभावना है. सूत्रों की मानें तो यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय से प्रारंभिक मंजूरी पा चुका है. अगर यह बजट पास होता है तो भारतीय सेना को बेहतर हथियार मिलेंगे, साथ ही भारत की रक्षा नीति को भी मजबूती मिलेगी, जो भविष्य में आतंकवाद और सीमा पार खतरों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभा सकेगी.