Vikas Divyakirti Controversy: विकास दिव्यकीर्ति के एक बयान ने मचा दिया बवाल, कोर्ट ने भेजा समन, 22 जुलाई को पेश होंगे!
VikasDivyakirti Controversy: Drishti IAS के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति के "IAS vs Judge" वीडियो पर विवाद, अजमेर के वकील ने दर्ज किया मानहानि केस, कोर्ट ने भेजा समन, जानें पूरा मामला।
Vikas Divyakirti Controversy: प्रसिद्ध UPSC कोचिंग संस्था दृष्टि IAS के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। वजह बना है उनका एक पुराना वायरल वीडियो, जिसमें उन्होंने "IAS बनाम Judge – कौन ज़्यादा ताकतवर?" विषय पर चर्चा करते हुए कुछ ऐसे उदाहरण दिए जो न्यायपालिका के एक वर्ग को आपत्तिजनक लगा है। अब इसी मामले को लेकर राजस्थान के अजमेर में दर्ज मानहानि याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें 22 जुलाई 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने वीडियो को बताया न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ
मामले की याचिका अजमेर निवासी अधिवक्ता कमलेश मंडोलिया ने दर्ज करवाई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपनी कक्षा में दिए गए एक भाषण के दौरान हाईकोर्ट और जजों को लेकर व्यंग्यात्मक भाषा का प्रयोग किया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि वीडियो में दिए गए बयान “वरना हाईकोर्ट दोनों को टांग देगा” और “सीएम भी नप सकता है” जैसे शब्द न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और डॉ. दिव्यकीर्ति को कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी कर दिया।
वायरल हुआ था 'IAS vs Judge' वीडियो, जानें क्या कहा था?
इस वायरल वीडियो में डॉ. दिव्यकीर्ति छात्रों को समझा रहे थे कि जब राज्य सरकार और हाईकोर्ट दोनों एक आदेश दें, तो कलेक्टर को किसका पालन करना चाहिए। उनका कथन था, "हाईकोर्ट बहुत ताकतवर होता है। वरना दोनों को टांग देता है। अगर सीएम कोर्ट की अवमानना करे तो वह भी नप सकता है।" यह बयान सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ और इसी के बाद मामला अजमेर कोर्ट तक पहुंचा।
कौन हैं डॉ. विकास दिव्यकीर्ति?
- जन्म: 26 दिसंबर 1973, हरियाणा
- UPSC क्लियर किया 1996 में, 384वीं रैंक
- गृह मंत्रालय में चयनित होने के बाद सरकारी सेवा छोड़ी
- 1 नवंबर 1999 को Drishti IAS की स्थापना
- उनके यूट्यूब चैनल के करोड़ों फॉलोअर्स हैं
- पत्नी: डॉ. तरुणा वर्मा | पुत्र: सत्विक दिव्यकीर्ति