Flood in Kota : कोटा में लगातार बारिश से भीषण बाढ़, लोगों को बचाने सड़कों और गलियों में चली बोट, 100 से ज्यादा गांव का संपर्क टूटा, 200 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू
Heavy flood in Kota due to continuous rain, boats used in roads and streets to save people, more than 100 villages lost contact, more than 200 people rescued
flood in kota : राजस्थान में लगातार बारिश से कोटा में भीषण बाढ़ आ गई है. कोटा, बूंदी और बारां के कई इलाके बाढ़ ग्रसित हैं, जहां पर 8 से 10 फीट पानी है. दूसरी तरफ लगातार 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश ने समस्या बढ़ा दी है. गांव, कस्बे समेत शहर भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. लोगों के लिए यह बारिश अब आफत बन गई है. संभाग में करीब एक दर्जन कच्चे मकान गिर गए हैं. वहीं, तीन दर्जन के आसपास कच्चे-पक्के मकान में नुकसान पहुंचा है. सेना, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ ने यहां पर 200 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है. पूरी रात इन इलाकों में सेना ने ऑपरेशन चलाया है.
बाढ़ के चलते पानी कस्बे और गांव में भरा हुआ है. लोगों को रेस्क्यू करने के लिए बोट चलाई गई है. शुक्रवार शाम को पानी कम हो गया था, लेकिन रात भर बारिश होने से फिर बढ़ गया है. लगातार बारिश के चलते खेतों और गांव में भर पानी उतर नहीं रहा है. दूसरी तरफ कोटा जिले के दीगोद के निमोद हरि जी गांव और आसपास के इलाके में भीषण बाढ़ जैसे हालात अभी भी बने हुए हैं. एसडीआरएफ की टीम सुल्तानपुर, कैथून, दीगोद, बूंदी के कापरेन सहित अलग-अलग गांव में तैनात है. लगातार बारिश भी हो रही है, इसके चलते पानी नहीं उतर रहा है. दीगोद और सुल्तानपुर में अभी भी हालात बिगड़े हुए हैं.
100 से ज्यादा गांव का संपर्क टूटा
रास्ते बंद होने के चलते 100 से ज्यादा गांव का संपर्क टूट गया है. या तो नदी नाले के उफान ने राह रोकी है या बारिश में पुलिया या अन्य स्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त हो गया है. कोटा जिले में कोटा श्योपुर का रास्ता बंद है. इससे सुल्तानपुर, दीगोद, इटावा, खातोली और अन्य जगह का सीधा संपर्क कोटा से टूटा हुआ है. इसी तरह से कोटा कैथून मार्ग बंद है, जिसके चलते सांगोद का रास्ता भी बंद हो गया. 20 से ज्यादा गांव को जाने वाले रास्ते बंद हैं.
खेत पूरी तरह से लबालब तालाब की तरह बन गए हैं. इनमें आसपास की नदी, नाले या खाड़ी का पानी पहुंच गया है. आमजन को इस बारिश से राहत भी नहीं मिल रही है और जनजीवन पूरी तरह से अब अस्त व्यस्त हो गया है. व्यापारियों को भी काफी नुकसान हो रहा है. बारिश के चलते उनके दुकान मकान में पानी प्रवेश कर गया था, जिससे काफी माल खराब हुआ. खेतों में पानी भर जाने के चलते किसानों को नुकसान की भी हो रहा है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा का कहना है कि खेत में चावल की फसल में पानी भर जाने से नुकसान नहीं होगा, लेकिन दूसरी फसलों में पानी ज्यादा समय तक भरा रहने से नुकसान की आशंका है.
भारी बारिश के चलते पीडब्ल्यूडी, अन्य एजेंसियों की सड़कों और पुलियों के साथ-साथ अन्य स्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचा है. कोटा संभाग में सैकड़ों किलोमीटर सड़के इसके चलते खराब हो गई हैं. अब इन्हें अस्थाई दुरुस्त कर चलने लायक बनाया जाएगा. साथ ही स्थाई मरम्मत की भी आवश्यकता रहेगी. पीडब्ल्यूडी कोटा के अधीक्षक अभियंता जगदीश गुप्ता का कहना है कि पहले एक बार असेसमेंट करवाया था, जिसमें कोटा जिले में 1025 किलोमीटर की सड़कों को मरम्मत की जरूरत थी. अब इसकी संख्या में बढ़ोतरी होगी.