IPS वाई. पूरन कुमार सुसाइड अपडेट: पूरन कुमार सुसाइड नोट में 15 अफसरों के नाम, उत्पीड़न-जातिवाद के आरोप, पढ़ कर खड़े हो जायेंगे रोंगटे
Haryana IPS Puran Kumar: 9 पेज के फाइनल नोट में लिखा अब बर्दाश्त नहीं कर सकता”; DGP, IAS और IPS अफसरों पर गंभीर आरोप, पत्नी के नाम की वसीयत भी की तैयार
Haryana IPS Puran Kumar: हरियाणा के वरिष्ठ IPS अफसर वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद उनका 9 पेज का Suiside नोट सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र में हलचल मचा दी है। इस नोट में 15 वरिष्ठ अफसरों के नाम है जिनमें 3 IAS और 12 IPS अधिकारी हैं, इन पर जातिवाद, अपमान, मानसिक उत्पीड़न और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
9 पेज का फाइनल नोट
वाई पूरन कुमार का यह नोट अंग्रेज़ी भाषा में टाइप किया गया, और इसके अंत में हरे रंग की स्याही से उनके दस्तखत किए गए हैं। नोट पर 7 अक्टूबर 2025 की तारीख दर्ज है। आखिरी पैराग्राफ को बोल्ड किया गया है, जिसमें उन्होंने लिखा अब मैं मानसिक, सामाजिक और जातिवादी उत्पीड़न और झूठे मामलों के दबाव को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
नोट के आखरी हिस्से में पूरन कुमार ने लिखा कि DGP शत्रुजीत कपूर ने रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया को ढाल बनाकर उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि बिजारणिया के खिलाफ की गई उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेरे खिलाफ लगातार साजिशें रची गई ताकि मेरे सम्मान को ठेस पहुंचे।
IAS और IPS अफसरों के नाम भी शामिल
सूत्रों के मुताबिक, नोट में जिन अफसरों के नाम लिखे गए हैं, उनमें CS अनुराग रस्तोगी, DGP शत्रुजीत कपूर, अमिताभ ढिल्लों, संदीप खिरवार, संजय कुमार, कला रामचंद्रन, माटा रवि किरण, सिबास कविराज, पंकज नैन, कुलविंदर सिंह और नरेंद्र बिजारणिया शामिल हैं।
चार रिटायर्ड अफसरों के नाम भी दर्ज हैं
पूर्व चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को दी थी जानकारी
पूरन कुमार ने लिखा कि उन्होंने 15 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर Retd IAS से मुलाकात की थी। उन्होंने जातिवाद, उत्पीड़न और मानसिक अत्याचार की शिकायत की थी। 27 दिसंबर को दोबारा मुलाकात के दौरान उन्हें पता चला कि उनके खिलाफ चार्जशीट की तैयारी चल रही है। उन्होंने लिखा मैंने बार-बार शिकायत की, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। यह सब DGP के निर्देश पर हुआ।
पिता के निधन पर भी नहीं मिली छुट्टी
वाई पूरन कुमार ने लिखा कि जब उनके पिता डेथ बेड पर थे, तब उन्हें मिलने की छुट्टी तक मंजूर नहीं की गई। उन्होंने लिखा यह जातीय भेदभाव और अपमान की शुरुआत थी। मेरे पिता की मौत से पहले भी मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने यह भी लिखा कि नवंबर 2023 में तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में बैठक हुई थी जिसमें एसीएस होम, DGP और अन्य अफसर शामिल थे, लेकिन मेरी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वसीयत में पत्नी के नाम संपत्ति
नोट के आखरी पेज पर पूरन कुमार ने अपनी पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार के नाम अपनी पूरी संपत्ति लिख दी है। इसमें एचडीएफसी बैंक अकाउंट, डीमैट शेयर, चंडीगढ़ की कोठी, मोहाली का प्लॉट और गुरुग्राम का ऑफिस प्रॉपर्टी शामिल है। यह वसीयत 6 अक्टूबर को तैयार की गई थी, यानी आत्महत्या से एक दिन पहले।