GST में बड़ा बदलाव! अब महंगाई होगी कम, आम आदमी की जेब में आएंगे 2 लाख करोड़; जानिये वो कैसे

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में की गई कटौती से अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये आएंगे।

Update: 2025-09-17 14:26 GMT

(NPG FILE PHOTO)

नई दिल्ली। अगर आप भी बढ़ते खर्चों से परेशान हैं, तो आपके लिए एक बहुत अच्छी खबर है। सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जिनका सीधा फायदा आम आदमी को मिलने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बताया है कि, इन बदलावों से देश के लोगों की जेब में सीधे ₹2 लाख करोड़ आएंगे। इसका मतलब है कि, अब आप अपनी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों पर कम टैक्स देंगे और आपके पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे।

क्या हैं ये बड़े बदलाव?

जीएसटी में अब तक 5%, 12%, 18% और 28% के अलग-अलग टैक्स स्लैब थे। इनमें से 12% और 28% के स्लैब को हटा दिया गया है। अब सिर्फ दो मुख्य स्लैब होंगे: 5% और 18%। जिसमें पहला है 5% स्लैब, इसमें ज्यादातर रोजमर्रा की चीजें शामिल होंगी, जिनसे अब तक कुल जीएसटी रेवेन्यू का 12% आता था। यानी, खाने-पीने की चीजें, कपड़े, जूते, और दूसरी जरूरी चीजें अब 5% टैक्स के दायरे में आएंगी। वहीं, 18% स्लैब में बाकी सभी चीजों पर 18% टैक्स लगेगा।

इसके आलावा कुछ बेहद जरूरी चीजें, जैसे ब्रेड, दूध, और पनीर, अब जीएसटी के दायरे से बाहर होंगी। इन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे इनकी कीमतें कम होंगी और आम आदमी को सीधे राहत मिलेगी। जानकारी के अनुसार, ये नए नियम 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे, यानी जल्द ही आप अपनी खरीदारी पर इसका असर देख पाएंगे।

आपकी जेब को कैसे होगा फायदा?

सरकार का मानना है कि, इस बदलाव से देश की अर्थव्यवस्था में पैसे का बहाव बढ़ेगा। जब लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे होंगे, तो वे ज्यादा खरीदारी करेंगे। इससे कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा, और नए रोजगार पैदा होंगे।

अभी तक आप जो चीजें 12% टैक्स स्लैब में खरीदते थे, अब उन पर सिर्फ 5% टैक्स लगेगा। इसका मतलब है कि हर खरीदारी पर आपकी अच्छी-खासी बचत होगी। जब चीजें सस्ती होंगी, तो आप अपनी जरूरत के हिसाब से ज्यादा सामान खरीद पाएंगे। इससे आपका जीवन स्तर भी बेहतर होगा। जिससे जब लोग ज्यादा खर्च करेंगे, तो बाजार में तेजी आएगी। यह तेजी देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशाखापत्तनम में 'नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स' पर एक कार्यक्रम में बताया कि, ये बदलाव खासतौर पर मध्यम वर्ग और गरीबों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। इससे उन्हें महंगाई से लड़ने में मदद मिलेगी और वे अपनी जरूरतों को आसानी से पूरा कर पाएंगे।

कारोबारियों को भी मिलेगी राहत

यह बदलाव सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि कारोबारियों के लिए भी फायदेमंद है। जीएसटी के नियम अब और ज्यादा आसान हो जाएंगे। जब टैक्स स्लैब कम होंगे, तो हिसाब-किताब करना भी आसान होगा। इससे छोटे और बड़े, दोनों तरह के कारोबारियों को मदद मिलेगी। वे अपना समय टैक्स की उलझनों में बर्बाद करने के बजाय, अपने काम को और बेहतर बनाने पर लगा पाएंगे।

सरकार का मानना है कि, टैक्स नियमों के आसान होने से देश के कई उद्योगों को नई ताकत मिलेगी और वे तेजी से विकास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी सुधारों की बात कही थी, जिससे यह साफ था कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।

जीएसटी की बढ़ती ताकत

इन बदलावों से जीएसटी की ताकत भी साफ दिखाई देती है। वित्त मंत्री ने कुछ आंकड़े भी बताए, जो यह साबित करते हैं कि जीएसटी व्यवस्था धीरे-धीरे मजबूत हो रही है:

1. बढ़ता टैक्स कलेक्शन: साल 2018 में जीएसटी से होने वाली कमाई ₹7.19 लाख करोड़ थी, जो 2025 तक बढ़कर ₹22.08 लाख करोड़ होने की उम्मीद है। यह दिखाता है कि जीएसटी कलेक्शन में कितनी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

2. बढ़ते टैक्सपेयर: जीएसटी भरने वाले लोगों की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है। इसका मतलब है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अब टैक्स सिस्टम का हिस्सा बन रहे हैं, जिससे सरकार की आय भी बढ़ रही है। ये आंकड़े बताते हैं कि जीएसटी न सिर्फ सरकार की कमाई बढ़ा रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी एक व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ा रहा है।

आम आदमी के लिए एक नई उम्मीद

जीएसटी में ये बदलाव एक ऐसे समय में हुए हैं, जब महंगाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार का यह कदम आम आदमी के लिए एक बड़ी राहत की तरह है। यह न सिर्फ उनकी बचत बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें अपनी जिंदगी में कुछ और बेहतर करने का मौका भी देगा। यह एक ऐसा कदम है जो सरकार और आम जनता दोनों के लिए जीत की स्थिति पैदा करेगा। कुल मिलाकर, जीएसटी 2.0 एक ऐसा बदलाव है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी, लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे होंगे और उद्योग भी बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे।

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