राज्यपाल के परिवार पर सनसनीखेज आरोप: 50 लाख कीदहेज़ ना देने पर मारपीट, छत से दिया धक्का; गर्भावस्था में भी किया प्रताड़ित
Governor Grandson Dowry Case: कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के पोते की पत्नी ने ससुराल पर 50 लाख की दहेज मांग, छत से धक्का देने और गर्भावस्था में प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए।
राज्यपाल के परिवार पर सनसनीखेज आरोप: 50 लाख कीदहेज़ ना देने पर मारपीट, छत से दिया धक्का; गर्भावस्था में भी किया प्रताड़ित
Governor Grandson Dowry Case: कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का परिवार अब एक हाई-प्रोफाइल घरेलू कॉट्रोवर्सी को लेकर सुर्खियों में आ गया है। राज्यपाल के पोते की पत्नी दिव्या ने अपने ससुराल पर दहेज उत्पीड़न, शारीरिक हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और छत से धक्का देकर जान से मारने की कोशिश जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने इस संबंध में मध्यप्रदेश के रतलाम पुलिस अधीक्षक को चार पन्नों का विस्तृत लिखित शिकायती आवेदन सौंपा है।
ससुराल पर दहेज, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे आरोप
दिव्या रतलाम के गंगासागर कॉलोनी निवासी जगदीश मालवीय की बेटी हैं और कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के पोते देवेंद्र गहलोत की पत्नी हैं। अपने आवेदन में उन्होंने ससुर पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत, सास अनिता गहलोत, पति देवेंद्र गहलोत, देवर विशाल और ननद अनिता पर लगातार दहेज प्रताड़ना, मारपीट और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। दिव्या का कहना है कि शादी के कुछ समय बाद से ही उससे 50 लाख रुपये की मांग की जाने लगी।
2018 में मुख्यमंत्री कन्यादान समारोह में हुई थी शादी
पीड़िता के मुताबिक उसका विवाह वर्ष 2018 में रतलाम जिले की आलोट तहसील के ताल क्षेत्र में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामाजिक रीति-रिवाजों से हुआ था। शुरुआत में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ ही समय बाद ससुराल पक्ष ने दहेज को लेकर उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। दिव्या का आरोप है कि रकम पूरी न होने पर उसके साथ मारपीट की जाती रही और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
50 लाख की मांग, छत से धक्का देकर जान लेने की कोशिश
शिकायत में दिव्या ने कहा है कि जब वह 50 लाख रुपये की मांग पूरी नहीं कर सकी तो परिवार के लोग लगातार उसे प्रताड़ित करने लगे। उसने पति देवेंद्र गहलोत पर शराब के नशे में मारपीट और अय्याशी के आरोप भी लगाए हैं। पीड़िता का दावा है कि जनवरी 2025 में हुए एक विवाद के दौरान उसे घर की छत से नीचे धक्का दे दिया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके इलाज, अस्पताल में भर्ती होने और मेडिकल रिपोर्ट का विवरण भी उसने आवेदन में दर्ज कराया है।
गर्भावस्था के दौरान भी शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न
दिव्या का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान भी उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उसने आरोप लगाया कि उस हालत में भी न तो उसे आराम दिया गया और न ही किसी तरह की सहानुभूति दिखाई गई। शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई, लेकिन ससुराल वालों ने उसकी हालत को नजरअंदाज किया।
राज्यपाल के प्रभाव से मामला दबाने की कोशिश का आरोप
पीड़िता ने अपने आवेदन में यह भी कहा है कि राज्यपाल के परिवार से संबंध होने के कारण उसके खिलाफ आवाज उठाने से उसे डराया-धमकाया गया। उसे कहा गया कि यदि उसने शिकायत की तो उसे और उसके मायके वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। दिव्या का आरोप है कि इसी प्रभाव का उपयोग कर उसके खिलाफ मामला दबाने की कोशिशें की गईं।
पति देवेंद्र ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
इस पूरे मामले पर जब दिव्या के पति देवेंद्र गहलोत से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने सभी आरोपों को गलत बताया। उन्होंने इसे पारिवारिक विवाद बताते हुए ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने मामला उज्जैन भेजा, जांच की प्रक्रिया शुरू
रतलाम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा ने बताया कि मामला उज्जैन जिले से संबंधित है, इसलिए दिव्या का शिकायती आवेदन उज्जैन के संबंधित अधिकारियों को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है। आगे की जांच अब उज्जैन पुलिस द्वारा की जाएगी।