पूर्व DGP और पूर्व महिला मंत्री के बेटे की संदिग्ध हालात में मौत; हत्या या खुदखुशी? मामले की जांच में जुटी पुलिस

Update: 2025-10-17 09:16 GMT

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चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा और पूर्व कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के परिवार से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। उनके इकलौते बेटे आकिल अख्तर का बीते गुरुवार देर रात हरियाणा के पंचकूला में निधन हो गया। आकिल की उम्र 35 वर्ष थी और वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रहे थे।

दवा की ओवरडोज़ से मौत की आशंका

जानकारी के मुताबिक, आकिल पंचकूला के एमडीसी सेक्टर-4 में रहते थे। बीते गुरुवार रात करीब 9:28 बजे उन्हें बेसुध हालत में पाया गया था, जिसके बाद उन्हें तुरंत सेक्टर-6 स्थित सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में दवा की ओवरडोज़ को मौत का कारण बताया जा रहा है, लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, जिसका खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हो पायेगा।

जांच में जुटी पुलिस

पंचकूला के मांसा देवी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मुनीष कुमार ने बताया कि, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। आकिल का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पायेगा। पुलिस ने बताया कि परिवार की ओर से किसी तरह का शक जाहिर नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

राजनीतिक परिवार से ताल्लुक

आकिल का परिवार राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है। उनकी मां रजिया सुल्ताना कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। कांग्रेस ने उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में मलेरकोटला से टिकट दिया था, लेकिन वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से हार गई थीं। वहीं, उनके पिता मोहम्मद मुस्तफा 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं और 2021 में डीजीपी पद से रिटायर हो गए है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन किया था और नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार भी रहे थे।

विवादों से रहा मुस्तफा का नाता

मुस्तफा का नाम कई बार राजनीतिक विवादों में भी आया। उन्होंने एक बार तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया था कि, उन्हें डीजीपी पद से वंचित करने की साजिश रची गई थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को लेकर याचिका दायर की थी। मुस्तफा को उनकी सेवा के दौरान पांच वीरता पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

पुत्रवधू जैनब अख्तर की भूमिका

आकिल की पत्नी जैनब अख्तर भी सुर्खियों में रही हैं। उन्हें पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। यह नियुक्ति उस समय चर्चा में आई थी, जब उनके नाम को वक्फ बोर्ड के सदस्य एजाज आलम ने प्रस्तावित किया और अब्दुल वाहिद ने समर्थन किया था। उस समय उनके ससुर मोहम्मद मुस्तफा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार थे।

आकिल अख्तर के निधन की खबर से उनके जानने वालों, वकीलों के समुदाय और राजनीतिक हलकों में गहरा दुख है। एक युवा, होनहार वकील का इस तरह अचानक चले जाना सभी को स्तब्ध कर गया है। लोग सोशल मीडिया और व्यक्तिगत रूप से परिवार को संवेदनाएं दे रहे हैं। फिलहाल आकिल का परिवार इस घटना से बेहद सदमे में है। उनके पिता मोहम्मद मुस्तफा शुक्रवार सुबह ही उनके शव को सहारनपुर स्थित पैतृक गांव हरदा खेड़ी के लिए रवाना हो गए है, जहां आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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