ED का अनिल अंबानी पर फिर शिकंजा: SBI लोन फ्रॉड केस में 14 नवंबर को पूछताछ, 7,500 करोड़ की संपत्ति पहले ही कुर्क
BI लोन धोखाधड़ी केस में ईडी ने अनिल अंबानी को 14 नवंबर को बुलाया। 7,500 करोड़ की संपत्तियां कुर्क। अब SFIO भी जांच करेगा।
नई दिल्ली। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लोन फ्रॉड मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। उन्हें 14 नवंबर को ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। यह मामला कथित मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक लोन के दुरुपयोग से जुड़ा है।
7,500 करोड़ की संपत्ति कुर्क
ईडी ने हाल ही में अनिल अंबानी के समूह से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थीं। इनमें मुंबई के पाली हिल स्थित बंगला, समूह की कई आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां, और रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़ी परिसंपत्तियां शामिल हैं।
हालांकि, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि ईडी की कार्रवाई से कंपनी के संचालन, प्रदर्शन या भविष्य की संभावनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सभी कारोबार सामान्य रूप से चल रहे हैं।
कहां से शुरू हुआ मामला?
ईडी की जांच यस बैंक लोन मामले (2017-2019) से जुड़ी है। आरोप है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस और उससे संबंधित कंपनियों ने यस बैंक से लिए गए ऋण का दुरुपयोग किया और फंड्स को दूसरी शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई करते हुए 31 अक्टूबर को 42 संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
अब SFIO भी करेगा जांच
ईडी की कार्रवाई के बाद अब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने भी कदम उठाया है। मंत्रालय की विशेष एजेंसी सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को आदेश दिया गया है कि वह रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और CLE प्राइवेट लिमिटेड की जांच करे। यह जांच बैंकों और ऑडिटरों की शिकायतों के बाद शुरू हुई है।
SFIO अब इन बिंदुओं पर फोकस करेगा:
कॉरपोरेट गवर्नेंस में खामियां
शेल कंपनियों के जरिए धन का हेरफेर
ऑडिटर और बैंकों की संभावित लापरवाही
पहले भी हो चुकी है पूछताछ
इससे पहले अगस्त 2024 में भी ईडी ने अनिल अंबानी से इसी मामले में पूछताछ की थी। अनिल अंबानी समूह पर पहले से ही कई जांच एजेंसियां नजर रखे हुए हैं, जिनमें CBI, ED और SFIO शामिल हैं।