Bihar Political Crisis: नीतीश कुमार ने फिर मारी पलटी, BJP के साथ 9वीं बार लेंगे शपथ, जानिए क्या है बिहार विधानसभा की स्थिति?
Bihar Political Crisis: जनता दल यूनाइटेड (JDU) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधायक दल की बैठक के बाद राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा।
Bihar Political Crisis: जनता दल यूनाइटेड (JDU) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधायक दल की बैठक के बाद राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। अब नीतीश भाजपा के समर्थन से शाम 5:00 बजे तक बिहार में नई सरकार का गठन करेंगे और उनके साथ 2 नए उपमुख्यमंत्री भी शपथ ले सकते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश का पाला बदलना विपक्षी गठबंधन INDIA के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
नीतीश ने इस्तीफे के बाद कहा, "मैंने आज इस्तीफा दे दिया। मैंने सबकी राय लेने के बाद यह फैसला किया। मैं महागठबंधन को चलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी।" उन्होंने कहा, "हमें महागठबंधन में काफी असहजता हो रही थी और इससे लोगों में काफी निराशा थी। हम जल्द ही पहले के सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार का गठन करेंगे और शाम तक सब स्पष्ट हो जाएगा।"
इस बीच राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने नीतीश का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उन्हें राज्य में नई सरकार गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा गया है। नीतीश के इस्तीफे के बाद भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल बैठक में सम्राट चौधरी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है और विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया है। जल्द भाजपा और JDU विधायकों की एक संयुक्त बैठक होगी।
नीतीश ने 18 महीने के भीतर दूसरी बार बदला पाला
रविवार को बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सचिवालय की छुट्टी रद्द कर दी गई। JDU अध्यक्ष नीतीश ने अगस्त, 2022 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई थी।
उन्होंने 18 महीने के भीतर दूसरी बार पाला बदला है। तब उन्होंने भाजपा पर JDU को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।
जानिए क्या है बिहार विधानसभा की स्थिति?
बिहार की 243 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सदस्यों की जरूरत है। RJD के सबसे अधिक 79 विधायक हैं। इसके बाद भाजपा के पास 78, JDU के पास 45, कांग्रेस के पास 19, कम्युनिस्ट पार्टी के पास 12, AIMIM के पास एक और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) के 4 विधायक हैं। राज्य में महागठबंधन टूटने बाद JDU और भाजपा के विधायकों की कुल संख्या मिलकर 123 हो जाती है, जो बहुमत से अधिक है।