केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन को लेकर Big News... जानें क्या है मामला, किसे होगा फायदा किसे नुकसान
old pension for central government employees : सरकार ने एक बार फिर से दोहराया है कि (सशस्त्र बलों को छोड़कर) कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी।
old pension for central government employees : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन पर बड़ा अपडेट आया है। सरकार ने एक बार फिर से दोहराया है कि (सशस्त्र बलों को छोड़कर) कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं, जिन पांच राज्यों ने ओपीएस को लागू किया है, उन्हें पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के पास जमा लगभग सवा लाख करोड़ रुपये नहीं मिलेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में कहा कि पुरानी पेंशन योजना सरकार के खजाने पर भारी पड़ रही थी, इसलिए एनपीएस लागू किया गया, जो 1 जनवरी, 2004 या उसके बाद नौकरी शुरू करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए है।
एनपीएस में सुधार के लिए एक कमेटी बनाई गई थी, जिसके सुझावों के आधार पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) शुरू की गई है। यह एनपीएस का एक विकल्प है, जिसका मकसद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को तयशुदा पेंशन देना और योजना को वित्तीय रूप से टिकाऊ रखना है। यूपीएस में परिवार की परिभाषा को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मिले और फंड की स्थिरता भी बनी रहे।
यूपीएस चुनने वाले कर्मचारी, अगर नौकरी के दौरान उनकी मृत्यु हो जाती है या अक्षमता की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ती है, तो वे सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 या सीसीएस (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी पेंशन) नियम, 2023 के तहत लाभ ले सकते हैं। सरकार ने 24 जनवरी, 2025 को अधिसूचना जारी करके यूपीएस को एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में शुरू किया।
यूपीएस के तहत, अगर कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की नौकरी की है, तो रिटायरमेंट पर उसे पिछले 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर नौकरी का समय 25 साल से कम है, तो पेंशन उसी अनुपात में कम होगी।