इंडिया में ऐसा पहली बार..जब भारत माता की तस्वीर वाली मुद्रा हुई लॉन्च; PM मोदी हुए गदगद, कही ये बात..
देश की राजधानी दिल्ली में एक ख़ास आयोजन में देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने एक विशेष रूप से डिजाइन किये गए स्मारक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया।
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नई दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली में 1 अक्टूबर को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के मौके पर विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया। यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हुआ था, जिसमें देशभर से संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता, केंद्रीय मंत्री और समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोग शामिल हुए थे।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “आज महानवमी है, देवी सिद्धिदात्री का दिन है। मैं सभी देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देता हूं। कल विजयादशमी का पर्व अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। ऐसे दिन पर 100 साल पहले RSS की स्थापना हुई थी, ये कोई संयोग नहीं बल्कि राष्ट्र चेतना का पुनरुत्थान था।”
पहली बार सिक्के पर भारत माता की तस्वीर
प्रधानमंत्री ने बताया कि, 100 रुपये के इस विशेष सिक्के पर एक ओर भारत का राष्ट्रीय चिन्ह है और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि है। साथ ही, समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवक भी इस सिक्के पर दर्शाए गए हैं। उन्होंने कहा, “संभवत: आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी सिक्के पर भारत माता की तस्वीर आई है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।”
सिक्के पर संघ का बोध वाक्य भी अंकित है, “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम।” यह वाक्य संघ की विचारधारा और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
डाक टिकट में दिखी देशभक्ति की झलक
पीएम मोदी ने डाक टिकट की खासियत बताते हुए कहा कि, इसमें 1963 की गणतंत्र दिवस परेड की यादें समाहित हैं, जब RSS के स्वयंसेवक पहली बार परेड में शामिल हुए थे। उन्होंने राष्ट्रभक्ति की धुन पर कदमताल किया था और देश के प्रति अपने समर्पण को दिखाया था। यह टिकट संघ के 100 वर्षों की सेवा और समर्पण को दर्शाता है।
संघ के लिए देश पहले
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “संघ खुद तपता है और दूसरों को भी तपाता है। इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य काम करते हैं। शाखा एक ऐसी प्रेरणा भूमि है जहां से अहम से वहम की यात्रा शुरू होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि संघ के लिए हमेशा देश पहले रहा है। आजादी की लड़ाई में संघ ने हिस्सा लिया, 1942 के आंदोलन में स्वयंसेवकों ने अत्याचार सहा और कई बलिदान दिए।
उन्होंने आगे कहा, “संघ का लक्ष्य, 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' है। संघ पर कई बार हमले हुए, साजिशें रची गईं, लेकिन संघ ने कभी अपने रास्ते से विचलित नहीं हुआ। आजादी के बाद उसे मुख्यधारा से दूर रखने की कोशिश की गई, लेकिन आज वह राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।”
संघ के योगदान को किया सलाम
पीएम मोदी ने कहा कि, यह हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है कि, हम संघ के शताब्दी वर्ष का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका सपना आज साकार हो रहा है। उन्होंने देशभर के कोटि-कोटि स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दी और उनके राष्ट्र सेवा के संकल्प को सराहा।
इस कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले भी मौजूद रहे। उन्होंने भी संघ के लक्ष्य और योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, संघ का उद्देश्य समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी को बढ़ावा देना और नागरिकों को उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। इस ऐतिहासिक आयोजन ने न सिर्फ संघ की 100 साल की यात्रा को सम्मानित किया, बल्कि भारत माता के प्रति समर्पण और राष्ट्र सेवा की भावना को भी नई ऊंचाई दी गई।