भारत को मिला पहला दो सवारी ट्रेनर एयरक्राफ्ट, जानिए बाकी कब मिलेंगे?

Tejas Twin Seater Airctaft: भारतीय वायु सेना को अपना पहला 2 सीटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस ट्विन सीटर' मिल गया है। बुधवार को यह विमान आधिकारिक तौर पर भारतीय वायु सेना को सौंपा गया...

Update: 2023-10-04 10:31 GMT

Indian Air Force

Tejas Twin Seater Airctaft: भारतीय वायु सेना को अपना पहला 2 सीटर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस ट्विन सीटर' मिल गया है। बुधवार को यह विमान आधिकारिक तौर पर भारतीय वायु सेना को सौंपा गया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने बुधवार को वायु सेना को पहला तेजस ट्विन सीटर ट्रेनर विमान सौंपा हैं।

तेजस ट्विन सीटर ट्रेनर विमान एक हल्का विमान है। इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह विमान किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को कुल 18 ट्विन सीटर विमान का ऑर्डर दिया गया था। भारतीय वायु सेना द्वारा दिए गए इस आर्डर में से 8 विमान अगले साल तक दे दिए जाने हैं। शेष 10 विमानों को 2026-27 तक इंडियन एयर फोर्स के सुपुर्द किया जाएगा।

गौरतलब है कि भारतीय सेना के पास एलसीए तेजस का एडवांस्ड वर्जन मार्क-1 ए विमान पहले से ही है। एयर फोर्स के पास उपलब्ध यह विमान एक फाइटर जेट है जो 2205 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवा में उड़ता है। यही नहीं एयर फोर्स का यह फाइटर जेट 6 तरह की मिसाइलों को ले जाने में भी सक्षम है। भारतीय वायुसेना ने 123 तेजस फाइटर जेट मांगे थे, जिसमें से 31 मिल चुके हैं। ये सभी तेजस मार्क -1 हैं।

जबकि बुधवार को एयरफोर्स को सौंपा गया, तेजस टू-सीटर ट्रेनिंग विमान है। हालांकि ट्रेनिंग विमान होने के बावजूद आपातकालीन स्थिति में इसे बतौर फाइटर जेट भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पहले मंगलवार को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बताया कि वायुसेना 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1ए खरीदने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है।

इसके अलावा एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यह भी बताया कि भारतीय वायुसेना को रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिट मिलीं। वायुसेना को अगले साल तक मिसाइल सिस्टम की शेष दो और यूनिट मिलने की उम्मीद है।

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने यह भी कहा कि भारतीय वायु सेना अगले सात-आठ वर्षों में 2.5 से 3 लाख करोड़ रुपये के सैन्य प्लेटफॉर्म, उपकरण और हार्डवेयर को शामिल करने पर विचार कर रही है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अनिश्चित जियोपोलिटिकल स्थिति ने एक मजबूत सेना की आवश्यकता को मजबूत किया है।

उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना क्षेत्र में भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित करने का आधार बनी रहेगी। अग्निपथ योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए वायुसेना ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। थिएटराइजेशन योजना पर उन्होंने कहा कि इस पर काम चल रहा है।

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