भारत के लिए बड़ा खतरा: PoK से KPK में शिफ्ट हो रहे आतंकी, क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' से घबराया पाकिस्तान?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने अब अपने ठिकाने बदल दिए हैं...

Update: 2025-09-19 13:24 GMT

HM 313 TERROR CAMP (NPG FILE PHOTO)

नई दिल्ली। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपे आतंकियों और उनके ठिकानों को भारी नुकसान पहुँचाया। इस करारी चोट के बाद अब पकिस्तान के आतंकी संगठन बड़ी चाल चल रहे है।

सूत्रों के अनुसार, खबर है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने PoK से अपने ठिकाने हटाकर अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) में शिफ्ट कर दिए हैं। इस काम में पाकिस्तान सरकार और वहाँ की सेना उनकी पूरी मदद कर रही है।

जानकारी के अनुसार, बीते 14 सितंबर को जैश-ए-मोहम्मद ने KPK के मानसेहरा जिले में एक बड़ी रैली का आयोजन किया था। इस रैली का मकसद पाकिस्तान के युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती करना था। इस रैली में जैश के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने भाषण दिया।

उसने अपने भाषण में खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को "शहीद" और "अरब का राजकुमार" कहकर संबोधित किया। उसने यह भी दावा किया कि, भारतीय हमले में मारे गए मसूद अजहर के परिवार की मौत ने पाकिस्तानी सेना और सरकार को जिहाद का साझेदार बना दिया है। सूत्रों के खबर मिली है कि, जैश अब मानसेहरा में अपने पुराने कैंप मरकज शोहदा-ए-इस्लाम का विस्तार कर रहा है और यहीं पर नए आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है। 25 सितंबर को 'जैश' पेशावर में एक और बड़ी सभा करने की तैयारी में है। इस बार वह अपनी पहचान छिपाने के लिए अल-मुराबितून नाम का इस्तेमाल करेगा।

हिजबुल ने बनाया 'HM 313' कैंप

जैश की तरह हिजबुल मुजाहिद्दीन भी पीछे नहीं है। उसने भी KPK के लोअर दिर जिले के बंडाई इलाके में एक नया कैंप बनाना शुरू कर दिया है। इस कैंप का नाम "HM 313" रखा गया है। इसे पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान चला रहा है। '313' नाम इस्लामी इतिहास की बदर की लड़ाई से जुड़ा है, जो आतंकी संगठन अल-कायदा भी इस्तेमाल करता था।

आतंकी क्यों बदल रहे हैं ठिकाने?

आतंकी संगठन PoK से KPK इसलिए शिफ्ट हो रहे हैं ताकि भारतीय सेना के हमलों के बावजूद उनका नेटवर्क चलता रहे। KPK का इलाका अफगानिस्तान की सीमा से सटा है, जिससे उन्हें नए लड़ाके आसानी से मिल जाते हैं। आतंकी इसे अपना बैकअप जोन मानते है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि, पाकिस्तान की सेना, पुलिस और धार्मिक संगठन इन आतंकियों को खुलेआम मदद कर रहे हैं।

भारत के लिए बढ़ा खतरा

सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों की ये नई चाल भारत के लिए बड़ा खतरा भी बन सकती है। आने वाले कुछ ही दिनों में जैश और हिजबुल KPK को "रियर कमांड जोन" और PoK को "फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस" के रूप में इस्तेमाल करेंगे। इसका मतलब यह है कि, ये आतंकी KPK में ट्रेनिंग लेंगे और फिर PoK के रास्ते भारत में घुसपैठ की कोशिश करेंगे। इस पूरे खेल में पाकिस्तान की सेना, सरकार और आतंकी संगठनों के बीच गहरे संबंध दिखाई देते हैं, जो भारत और दुनिया के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

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