बड़ी खबर: सरकार ने ब्लॉक किए 100 से अधिक Social मीडिया हैंडल्स, अब से ये App's नहीं करेंगे काम, जानिए क्या है कारण?
सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए शांति भंग करने की कोशिश के चलते राज्य सरकार ने 100 से ज्यादा अकाउंट्स को बैन कर दिया है। इनमें से कुछ अकाउंट पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे..
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। डोडा और किश्तवाड़ जिलों में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे 100 से ज़्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। इन हैंडल्स में से कुछ पाकिस्तान से भी चलाए जा रहे थे, जिनसे यह साफ़ हो जाता है कि पड़ोसी देश अभी भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
पाकिस्तान की नई साजिश नाकाम
जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन का माहौल बिगाड़ने के लिए पाकिस्तान में बैठे कुछ लोग अब सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। ये लोग इंटरनेट पर फेक न्यूज़ और भड़काऊ पोस्ट के ज़रिए स्थानीय युवाओं को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में, इन हैंडल्स ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाकर घाटी में माहौल ख़राब करने की कोशिश की। उनका मकसद था कि लोग सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन करें और शांति भंग हो जाए।
क्यों गिरफ्तार हुए AAP विधायक मेहराज मलिक?
आम आदमी पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मेहराज मलिक को 8 सितंबर को जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन पर डोडा के उपायुक्त के साथ बदसलूकी करने और हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी से संबंध रखने का आरोप है। इसके अलावा, उन पर युवाओं को आतंकी संगठन 'लश्कर' में शामिल होने के लिए उकसाने का भी आरोप लगाया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद डोडा में कुछ हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
सरकार का कड़ा रुख: 100 से ज़्यादा अकाउंट्स ब्लॉक
स्थिति को हाथ से निकलने से रोकने के लिए, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि जिन सोशल मीडिया हैंडल्स को ब्लॉक किया गया है, उनमें से ज़्यादातर फेसबुक के थे, जबकि कुछ इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के भी थे। ये सभी अकाउंट्स ऐसी सामग्री फैला रहे थे, जिससे हिंसा और अशांति फैल सकती थी। सरकार ने कहा कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाना बेहद ज़रूरी था।
शांति और सुरक्षा को प्राथमिकता
यह कार्रवाई दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पाकिस्तान और उसके गुर्गे लगातार भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश करते रहते हैं, लेकिन इस तरह की कार्रवाई से उनके नापाक इरादों को नाकाम किया जा रहा है। सोशल मीडिया के इस दौर में जहां एक छोटी सी पोस्ट भी बड़ा विवाद खड़ा कर सकती है, ऐसे में प्रशासन की यह सतर्कता सराहनीय है। यह कदम न केवल युवाओं को गुमराह होने से रोकेगा, बल्कि भविष्य में भी ऐसी किसी भी साजिश को अंजाम देने वालों को एक कड़ा संदेश देगा।