बड़ी खबर: डॉलर को लगा 'मंदी का झटका', 10 हफ्तों में हुआ सबसे कमजोर, रुपए की हुई 'चांदी'..जानिए कैसे
मंगलवार को डॉलर 7 जुलाई के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है..
dollar vs rupee (NPG file photo)
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसी, अमेरिकी डॉलर, आजकल बहुत मुश्किल में है। एक वक्त था जब डॉलर का रुतबा सबसे ऊंचा था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि उसकी चमक फीकी पड़ रही है। मंगलवार को तो डॉलर पिछले 10 हफ्तों में सबसे निचले स्तर पर आ गया, और जानकार कह रहे हैं कि ये तो बस शुरुआत है, आने वाले दिनों में और भी बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
डॉलर पर चौतरफा हमला
आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है? दरअसल, डॉलर पर एक साथ कई तरफ से वार हो रहा है। अमेरिका का केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व, जल्द ही ब्याज दरों में कटौती करने वाला है। ये खबर आते ही डॉलर घबरा गया। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो विदेशी निवेशक अपना पैसा निकालकर दूसरी जगहों पर ले जाते हैं, जिससे डॉलर कमजोर हो जाता है।
जानकारों का कहना है कि, फेड अगर 0.35 से 0.50 फीसदी तक की कटौती करता है, तो डॉलर का लेवल 95 से भी नीचे जा सकता है। भारत और अमेरिका की दोस्ती: भारत और अमेरिका के बीच एक बार फिर से व्यापार को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। जब दो बड़े देश व्यापार पर बात करते हैं, तो अक्सर उनके बीच की करेंसी में उतार-चढ़ाव आता है। इस बार ये बातचीत डॉलर के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।
जापान और यूरोप की ताकत
जापान की करेंसी येन और यूरोप की करेंसी यूरो लगातार मजबूत हो रही हैं। जब दूसरी बड़ी करेंसी मजबूत होती हैं, तो डॉलर के मुकाबले उनकी वैल्यू बढ़ जाती है, जिससे डॉलर अपने आप कमजोर होने लगता है।
डॉलर इंडेक्स में भारी गिरावट
मंगलवार को डॉलर इंडेक्स (जो कि बाकी करेंसी के मुकाबले डॉलर की ताकत दिखाता है) 96.93 के लेवल पर आ गया, जो कि 7 जुलाई के बाद सबसे कम है। इस साल तो डॉलर इंडेक्स में 10.59% से भी ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। पिछले 5 दिनों में ही ये 0.81% नीचे आ चुका है, और पूरे एक साल में ये 4% तक गिर चुका है। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि डॉलर की हालत इस समय ठीक नहीं है।
रुपए की 'चांदी'
जहां डॉलर कमजोर हो रहा है, वहीं हमारा रुपया लगातार मजबूत हो रहा है! मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे मजबूत होकर 88.08 पर बंद हुआ। ये लगातार दूसरा दिन था जब रुपए ने डॉलर के खिलाफ अपनी ताकत दिखाई। पिछले दो दिनों में ही रुपया 18 पैसे मजबूत हो चुका है। फॉरेन करेंसी के जानकारों का कहना है कि, रुपए की ये मजबूती फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दरों में कटौती, अच्छे घरेलू शेयर बाजार और डॉलर की कमजोरी की वजह से आई है।
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का मानना है कि रुपए की ये मजबूती बनी रहेगी। उनका कहना है कि, फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं और इससे डॉलर पर और दबाव पड़ेगा। हालांकि, इस हफ्ते फेड की बैठक का नतीजा क्या होता है, इस पर सब की नजर है। अगर फेड नरम रुख अपनाता है, तो डॉलर और नीचे जाएगा, और अगर वो आक्रामक रुख अपनाता है तो डॉलर में थोड़ी मजबूती आ सकती है।
फिलहाल, डॉलर और रुपए की कीमत 87.75 से 88.30 के बीच रहने का अनुमान है। लेकिन एक बात तो तय है, डॉलर की बादशाहत को अब कई देशों की करेंसी चुनौती दे रही हैं और भारत का रुपया भी इस रेस में पीछे नहीं है।