AIADMK: एआईएडीएमके से निष्कासित पनीरसेल्वम को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट के फैसले में दखल से इनकार

AIADMK: सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (AIADMK) से उनके निष्कासन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

Update: 2024-01-19 13:28 GMT

AIADMK: सुप्रीम कोर्ट से तमिलनाडु के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (AIADMK) से उनके निष्कासन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर आदेश देना एक बड़ी अराजकता को जन्म देगा। इसी के साथ कोर्ट ने पन्नीरसेल्वम की याचिका भी खारिज कर दी। इस फैसले को AIADMK नेता के पलानीस्वामी के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है।

2016 में जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी AIADMK में पन्नीरसेल्वम और के पलानीस्वामी के बीच नेतृत्व को लेकर जंग छिड़ गई थी। इसका नतीजा ये हुआ कि पार्टी 2 धड़ों में बंट गई। दोनों के बीच कई बार बातचीत के बावजूद विवाद नहीं सुलझा। 11 जुलाई, 2022 को AIADMK की जनरल मीटिंग में पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव नियुक्त किया गया और पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पन्नीरसेल्वम ने इसी के खिलाफ याचिका दायर की थी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, "हम अंतरिम चरण में प्रस्ताव पर कैसे रोक लगा सकते हैं? यह वस्तुतः मुकदमे की अनुमति देगा। यहां तक ​​कि प्रथमदृष्टया मामला भी आपको निषेधाज्ञा देने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इससे भारी अराजकता पैदा होगी।" पीठ ने कहा कि विवाद को साक्ष्य के आधार पर मुकदमे में खुद ही सुलझाना होगा और निष्कासन के प्रस्ताव पर रोक लगाने से समस्याएं पैदा होंगी।

पहले पन्नीरसेल्वम ने निष्कासन और पलानीस्वामी को अंतरिम महासचिव बनाए जाने के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब अलग-अलग फैसलों में हाई कोर्ट ने पलानीस्वामी को महासचिव के पद पर बरकरार रखा और पन्नीरसेल्वम के निष्कासन को भी वैध ठहराया था। हाई कोर्ट ने पन्नीरसेल्वम पर AIADMK का झंडा और लैटरहैड इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी थी। इसके बाद पन्नीरसेल्वन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

जयललिता के निधन के बाद AIADMK दोहरे नेतृत्व पर चल रही थी। इसके तहत पलानीस्वामी संयुक्त समन्यवक और पन्नीरसेल्वम समन्यवक थे। सरकार में भी दोनों क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री थे। बाद में इस व्यवस्था को लेकर इतना विवाद हुआ कि पन्नीरसेल्वम गुट हाई कोर्ट चला गया। हालांकि, कोर्ट ने इसे पार्टी का आंतरिक मामला बताया और हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। इसके बाद पलानीस्वामी ने पार्टी की जनरल मीटिंग बुलाई और पन्नीरसेल्वम को AIADMK से निष्कासित कर दिया।

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