Bijli Kaise Girti Hai: आसमान से कैसे और क्यों गिरती है बिजली, यहां जानिए क्या है बचने के उपाय?

Bijli Kyu Girti Hai :बारिश के मौसम में आसमान में बिजली का चमकना आम बात है, लेकिन ये घटनाएं खतरनाक भी हो सकती है। बता दें कि हर साल आकाशीय बिजली (Akashiya Bijli) गिरने से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक प्राकृतिक विद्युत-चुम्बकीय प्रक्रिया है, लेकिन इससे जानमाल का नुकसान रोका जा सकता है, यदि समय रहते सतर्कता बरती जाए। तो चलिए जानते हैं कि बिजली क्यों चमकती है (Bijli Kyo Chamakti Hai), बिजली क्यों गिरती है (Bijli Kyu Girti Hai) और बिजली से बचाव के क्या उपाय (Bijli Se Bachav Ke Upay) है।

Update: 2025-06-28 06:21 GMT

Bijli Kyu Girti Hai :बारिश के मौसम में आसमान में बिजली का चमकना आम बात है, लेकिन ये घटनाएं खतरनाक भी हो सकती है। बता दें कि हर साल आकाशीय बिजली (Akashiya Bijli) गिरने से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। विज्ञान की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक प्राकृतिक विद्युत-चुम्बकीय प्रक्रिया है, लेकिन इससे जानमाल का नुकसान रोका जा सकता है, यदि समय रहते सतर्कता बरती जाए। तो चलिए जानते हैं कि बिजली क्यों चमकती है (Bijli Kyo Chamakti Hai), बिजली क्यों गिरती है (Bijli Kyu Girti Hai) और बिजली से बचाव के क्या उपाय (Bijli Se Bachav Ke Upay) है।

कैसे बनती है बिजली?

जब आकाश में बादल मंडराते हैं, तो उनमें मौजूद जलकण वायु के साथ घर्षण में आकर आवेशित (चार्ज्ड) हो जाते हैं। कुछ बादल धनात्मक (पॉजिटिव) तो कुछ ऋणात्मक (नेगेटिव) चार्ज प्राप्त कर लेते हैं। जब ये अलग-अलग चार्ज वाले बादल एक-दूसरे के नजदीक आते हैं तो उनमें विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है। यह विद्युत धारा लाखों वोल्ट की होती है, जो आकाश में बिजली की चमक (Bijali Ki Chamak) के रूप में दिखाई देती है। साथ ही इससे बहुत ज्यादा गर्मी पैदा होती है, जिससे वायु के अणु फैलते हैं और एक दूसरे से टकराते हैं।  जिसके कारण गड़गड़ाहट होती है। हमें बिजली की मचक (Bijali Ki Chamak) पहले दिखाई देती है, इसके बाद गड़गड़ाहट बाद में सुनाई देती है। बताया जाता है कि चमक की गति तीन लाख किलोमीटर सेकंड और ध्वनि की गति 332 मीटर सेकंड से कहीं ज्यादा होती है।

बिजली गिरती कैसे है?

अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर आसमान से बिजली कैसे गिरती है (Bijli Kaise Girti Hai), तो बता दें कि जब कोई चार्ज वाला बादल पृथ्वी की सतह पर किसी ऊंची इमारत या फिर पेड़ के पास आता है तो वहां पर विपरीत चार्ज उत्पन्न हो जाता है। जैसे ही चाार्ज की मात्रा ज्यादा होती है वैसे ही बादल से किसी ऊंची इमारत या फिर पेड़ के पास गिर जाता है। इसी घटना को आसमानी बिजली गिरना कहा जाता है।

आकाशीय बिजली से बचने के उपाय 

अगर आप भी आकाशीय बिजली (Akashiya Bijli) की चपेट में आने से बचना चाहते हैं तो अपने घर के सभी इलेक्टॉनिक उपकरणों और धातु की चीजों से दूर रहें। 

 खुली छत  से रहें दूर

आकाशीय बिजली (Akashiya Bijli) गड़गड़ाहट सुनते ही आप अपने घरों से अंदर चले जाएं और खुली छत या फिर बरामदों से दूर रहें। 

टावर और पेड़ से रहें दूर

बारिश या फिर बिजलियों की गड़गड़ाहट के वक्त औप टावर और पेड़ से दूर रहें, क्योंकि बिजसी पेड़ों की ऊंचाई को आकर्षित करती है। ऐसे में अगर आप बारिश या बिजलियों की गड़गड़ाहट के वक्त टावर और पेड़ों के पास खड़े रहेंगे तो आकाशीय बिजली (Akashiya Bijli) की चपेट में आ सकते हैं। 

न करें ड्राइविंग

बारिश या फिर बिजलियों की गड़गड़ाहट के वक्त अगर आप बाइक-ट्रेक्टर से ट्रैवलिंग करते हैं यह खतरनाख हो सकती है। ऐसे में आप बाइक-ट्रेक्टर ट्रैवलिंग न करके किसी सुरक्षित जगह पर चलें जाएं।

तालाब-नदी के पास से रहे दूर 

जब भी आपको लगे की बिजली गिरने वाली है तो तुरंत ही तालाब, नदी झील या स्वीमिंग पुल के पास से हट जाएं। क्योंकि इस वक्त आकाशीय बिजली गिरने की संभावना ज्यादा होती है। 




Tags:    

Similar News