8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग में चपरासी से DM तक कितनी बढ़ेगी सैलरी? देखें पूरा कैलकुलेशन

8th Pay Commission Update: अगर फिटमेंट फैक्टर 2.15 तय होता है तो चपरासी से DM तक की बेसिक सैलरी दोगुने से ज्यादा बढ़ सकती है। पूरा कैलकुलेशन पढ़ें।

Update: 2025-12-23 13:14 GMT

8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आठवां वेतन आयोग एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल जैसे-जैसे खत्म होने की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे यह सवाल तेज हो गया है कि नई वेतन संरचना लागू होने पर चपरासी से लेकर DM तक की सैलरी में कितना इजाफा होगा। 8th Pay Commission को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हुई है, लेकिन फिटमेंट फैक्टर को लेकर चल रही चर्चाओं ने कर्मचारियों की उम्मीदें जरूर बढ़ा दी हैं।

7वें वेतन आयोग के बाद अब 8वें की तैयारी

सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था और इसकी मियाद 31 दिसंबर 2025 को पूरी होने वाली है। इसी वजह से 2026 से नई वेतन व्यवस्था लागू होने की संभावना पर बातचीत शुरू हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 1.19 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस फैसले से सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग के गठन या फिटमेंट फैक्टर को लेकर कोई अंतिम फैसला सामने नहीं आया है। 

फिटमेंट फैक्टर 2.15 रहा तो कितनी बढ़ेगी सैलरी

अगर प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर 2.15 तय किया जाता है तो सभी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में एक साथ बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर, लेवल-1 यानी चपरासी या शुरुआती ग्रेड के कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है जो बढ़कर करीब 38,700 रुपये हो सकती है।

इसी तरह, लेवल-10 से लेवल-12 तक के अधिकारियों की बेसिक सैलरी एक लाख रुपये के पार जा सकती है। टॉप स्तर यानी लेवल-18 पर मौजूद अधिकारियों जिनकी मौजूदा बेसिक सैलरी 2.50 लाख रुपये है उनकी नई बेसिक सैलरी 5.37 लाख रुपये तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। 

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है, आसान भाषा में समझिए

फिटमेंट फैक्टर दरअसल एक गुणांक होता है, जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.15 तय होता है, तो नई बेसिक सैलरी 1,07,500 रुपये हो जाएगी। इस फैक्टर को तय करते समय महंगाई दर, जीवन-यापन की लागत, सरकार की वित्तीय स्थिति और अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत जैसे कई पहलुओं पर विचार किया जाता है। इसलिए अंतिम फैसला सरकार की मंजूरी के बाद ही साफ होगा।

सिर्फ सैलरी नहीं, भत्तों और पेंशन पर भी असर

वेतन आयोग का असर सिर्फ बेसिक सैलरी तक सीमित नहीं रहता। बेसिक सैलरी बढ़ने से महंगाई भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन भी अपने आप बढ़ जाती है। यही वजह है कि वेतन आयोग के फैसले को कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति के लिए बेहद अहम माना जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर फिटमेंट फैक्टर 2.15 के आसपास तय होता है तो यह सातवें वेतन आयोग की तुलना में ज्यादा बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

कब से लागू हो सकता है 8th Pay Commission

तकनीकी तौर पर नई वेतन संरचना 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती है, लेकिन पिछली बारों को देखें तो सिफारिशें लागू होने में समय लगना आम बात है। अगर देरी होती है, तो कर्मचारियों को एरियर मिलने की संभावना बनी रहती है। फिलहाल सभी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

कुल मिलाकर, आठवें वेतन आयोग को लेकर अभी सिर्फ अनुमान और चर्चाएं हैं। जब तक सरकार की ओर से आधिकारिक ऐलान नहीं होता, तब तक फिटमेंट फैक्टर और सैलरी बढ़ोतरी से जुड़े सभी आंकड़े संभावित माने जाएंगे। हालांकि इतना तय है कि नया वेतन आयोग लागू होने पर इसका असर चपरासी से लेकर DM स्तर तक हर कर्मचारी की जेब पर साफ दिखाई देगा।

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