Vidisha Municipal Councillor Protest : विकास कार्यों की उपेक्षा से आहत भाजपा-कांग्रेस पार्षदों ने विरोध में उतारे कपड़े, नगर पालिका के खिलाफ अर्धनग्न हुंकार
Vidisha Municipal Councillor Protest : मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में नगर पालिका परिषद के लचर कामकाज और शहर के विकास कार्यों में लगातार हो रही अनदेखी को लेकर जनप्रतिनिधियों का गुस्सा अब चरम पर पहुंच गया है।
Vidisha Municipal Councillor Protest : विकास कार्यों की उपेक्षा से आहत भाजपा-कांग्रेस पार्षदों ने विरोध में उतारे कपड़े, नगर पालिका के खिलाफ अर्धनग्न हुंकार
Vidisha Municipal Councillor Protest : विदिशा, मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में नगर पालिका परिषद के लचर कामकाज और शहर के विकास कार्यों में लगातार हो रही अनदेखी को लेकर जनप्रतिनिधियों का गुस्सा अब चरम पर पहुंच गया है। आज सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस—दोनों दलों के पार्षदों ने मिलकर नगर पालिका प्रशासन और स्थानीय नेताओं के खिलाफ विरोध का एक अभूतपूर्व तरीका अपनाया। आक्रोशित पार्षदों ने अपने कपड़े उतार दिए और नगर पालिका कार्यालय के सामने अर्धनग्न प्रदर्शन किया।
Vidisha Municipal Councillor Protest : 28 दिन से जारी है धरना
यह विरोध प्रदर्शन अचानक शुरू नहीं हुआ है। विदिशा के विकास कार्यों को लेकर नगर पालिका के कई पार्षद और उनके प्रतिनिधि पिछले लगभग एक महीने (28 दिनों) से धरने पर बैठे हैं। पार्षदों का आरोप है कि इस दौरान न तो स्थानीय अधिकारियों ने उनकी कोई सुनवाई की और न ही क्षेत्र के वरिष्ठ राजनेताओं ने उनकी मांगों पर ध्यान दिया।
भाजपा के वार्ड 39 के पार्षद दीपक कुशवाहा ने विरोध प्रदर्शन के दौरान तीखे शब्द कहे। उन्होंने कहा, "हमारे नेता कपड़े पहनने के बाद भी नंगे (निष्क्रिय) हैं। हम शहर के विकास के लिए 28 दिन से यहाँ बैठे हैं। लेकिन नेताओं ने भ्रष्टाचार में अपनी आँखें बंद कर रखी हैं।" पार्षदों का यह प्रदर्शन सीधे तौर पर शहर में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर निशाना साध रहा था।
नेताओं के प्रति नाराजगी
विरोध जताते हुए पार्षद कई तख्तियां और बैनर लेकर खड़े थे, जिन पर स्थानीय नेताओं के प्रति उनकी नाराजगी और शहर की बदहाली को दर्शाते नारे लिखे थे। इन नारों में ‘विदिशा की सड़कों पर धूल है, विधायक हमारा कूल है’ और ‘सड़कों पर है कीचड़-गड्ढे, नेताजी मना रहे अपना बर्थडे’ जैसे नारे प्रमुख थे। ये नारे विदिशा की खराब सड़क व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की कथित उदासीनता की ओर इशारा कर रहे थे।
इससे पहले अर्थी निकालकर जताया था विरोध
यह पहली बार नहीं है जब पार्षदों ने इतने उग्र तरीके से विरोध जताया हो। सुनवाई न होने पर कुछ समय पहले ही पार्षदों ने नगर पालिका की निष्क्रियता के विरोध में प्रशासन की अर्थी भी निकाली थी, जो दर्शाता है कि उनका गुस्सा कितना गहरा है। पार्षदों के इस अर्धनग्न प्रदर्शन ने विदिशा नगर पालिका प्रशासन पर तत्काल कार्रवाई करने और शहर के ठप पड़े विकास कार्यों को फिर से शुरू करने का भारी दबाव बना दिया है।