नशेड़ी डॉक्टर ने मरीज की ली जान! पेट दर्द का इलाज कराने आया था किसान, BMO के दरवाजे पर तड़पने से हुई मौत..जानें पूरा मामला
MP CRIME NEWS
भोपाल। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक डॉक्टर की लापरवाही से एक गरीब किसान की मौत हो गई। किसान की मौत की खबर जब आस-पास के ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने जमकर हंगामा किया।
किसान के परिजनों ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. आशीष तिवारी पर नशे में होने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, जिसके बाद मामला कलेक्टर के पास पहुंचा। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. आशीष तिवारी को उनके पद से हटा दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला बीते मंगलवार, 21 अक्टूबर की शाम का है। देर शाम, डहर्रा गांव के निवासी, मृतक किसान अजय पाल सिंह की अचानक पेट दर्द होने से तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद किसान के परिजन उन्हें इलाज के लिए अमानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। वहाँ डॉक्टर मौजूद न होने के कारण उन्हें अस्पताल परिसर में स्थित डॉक्टर के सरकारी आवास पर जाने को कहा गया।
इसके बाद परिजन उन्हें डॉक्टर आशीष के आवास के बाहर लेकर पहुंच गए, लेकिन लगातार परिजनों के आवाज लगाने के बावजूद डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला। वहीं, किसान अजय पाल ने दरवाजे पर ही दम तोड़ दिया। जब इस मामले की खबर गांव वालों को लगी, तब हंगामा शुरू हो गया।
मृतक किसान के भतीजे सुजय राजा ने बताया कि, परिवार मदद के लिए आवाज लगाता हुआ डॉक्टर के घर के बाहर खड़ा रहा। डॉक्टर की पत्नी आवाज सुनकर तीन बार घर से बाहर आईं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। परिवार ने आरोप लगाया है कि, जब तक किसान ने दरवाजे पर ही दम नहीं तोड़ दिया, तब तक डॉक्टर बाहर नहीं आया। उन्होंने आगे कहा कि, मौत के बाद जब आशीष तिवारी बाहर आए, तो वे बहुत नशे में लग रहे थे और मदद करने के बजाय, मृतक अजय पाल के बेटे रजऊ से बहस करने लगे। सुजय राजा के मुताबिक, डॉक्टर के पास दवाइयाँ और इंजेक्शन मौजूद थे, लेकिन उन्होंने मरीज को हाथ तक नहीं लगाया।
डॉक्टर के खिलाफ FIR
परिजनों और ग्रामीणों ने कथित नशेड़ी डॉक्टर को बीएमओ पद से हटाने की मांग की। मामले को तूल पकड़ता देख कलेक्टर उषा परमार ने उन्हें पद से हटाने का निर्देश दिया और पुलिस को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने भी घटना की जांच के आदेश दिए हैं।