MP सरकार का बड़ा तोहफा: अब नवरात्रि के शुभ अवसर पर सस्ती होगी बिजली! प्रति यूनिट देने होंगे इतने दाम; आम आदमी को होगा सीधा फायदा
केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में बदलाव किया है। इस कारण से बिजली की दरों में कटौती हुई है...
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भोपाल। मध्य प्रदेश के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जल्द ही पूरे प्रदेश में बिजली के दाम कम होने वाले हैं। सरकार के इस फैसले से करीब 25 लाख उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने कोयले पर लगने वाले GST और 'सेस' में बदलाव किया है। पहले कोयले पर 5 फीसदी GST और 400 रुपए प्रति टन 'कंपनसेशन सेस' लगता था। अब सरकार ने GST को 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है, लेकिन सबसे ख़ास बात यह है कि, 'सेस' को पूरी तरह से हटा दिया गया है। इस 'सेस' के हटने से बिजली कंपनियों का खर्चा कम हो जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली सस्ती हो जाएगी।
आमतौर पर बिजली के बिल में एक फ्यूल चार्ज होता है, जो ईंधन की लागत पर निर्भर करता है। 'सेस' हटने से कोयले की कीमत कम हो जाएगी और इसका सीधा असर फ्यूल चार्ज पर पड़ेगा, जिससे आपका बिजली का बिल कम आएगा।
आपकी कितनी बचत होगी?
इस कटौती के बाद, जितनी ज़्यादा बिजली का इस्तेमाल होगा, उतनी ही ज़्यादा बचत होगी। 50 यूनिट की मासिक खपत पर 11 रुपये, 100 यूनिट पर 22 रुपये, 150 यूनिट पर 33 रुपये, 200 यूनिट पर 44 रुपये और 300 यूनिट पर 66 रुपये की सीधी बचत होगी। इस तरह, अगर आप महीने में औसतन 300 यूनिट बिजली खर्च करते हैं, तो आपके बिजली के बिल में हर महीने 66 रुपये की बचत होगी, जो त्योहारों के इस मौसम में आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत है।
कैसे मिलती है बिजली?
मध्य प्रदेश में ज़्यादातर बिजली कोयले से बनने वाले बिजली घरों से आती है। एक यूनिट बिजली बनाने के लिए लगभग 0.75 किलो कोयले का इस्तेमाल होता है। 'सेस' हटने के बाद एक टन कोयले की कीमत 1278 रुपए से घटकर 987 रुपए हो जाएगी। जब कोयला सस्ता होगा, तो बिजली बनाना भी सस्ता हो जाएगा, जिसका सीधा लाभ आम आदमी को भी मिलेगा।
देश में सबसे सस्ती सोलर बिजली
'सोलर स्टोरेज प्रोजेक्ट' के तहत, यह देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहाँ सोलर बिजली सबसे सस्ती दर पर मिल रही है। हाल ही में मुरैना में 440 मेगावॉट के सोलर बिजली प्रोजेक्ट की नीलामी हुई, जिसमें 2.70 रुपए प्रति यूनिट की दर मिली। यह दर अगले 25 सालों तक बनी रहेगी। इससे यह साफ है कि, मध्य प्रदेश अब बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर और आगे बढ़ रहा है। सरकार के इस फैसले से साफ है कि, वह आम जनता को महंगाई से राहत देना चाहती है।