MP में नर्सिंग शिक्षा पर संकट! 12 सरकारी कॉलेज बंद होने की कगार पर, NSUI ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी..जानें पूरा विवाद
मध्यप्रदेश के 12 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को इस साल की पढ़ाई के लिए मान्यता नहीं मिली है। इन कॉलेजों में पढ़ाई का शैक्षणिक ढांचा ही नहीं है। कहीं प्राचार्य नहीं, तो कहीं फैकल्टी नहीं, और कहीं फर्जी दस्तावेजों से नियुक्तियां की गई हैं।
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भोपाल। मध्यप्रदेश के 12 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को इस साल की पढ़ाई के लिए मान्यता नहीं मिली है। इन कॉलेजों में पढ़ाई का शैक्षणिक ढांचा ही नहीं है। कहीं प्राचार्य नहीं, तो कहीं फैकल्टी नहीं, और कहीं फर्जी दस्तावेजों से नियुक्तियां की गई हैं।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने आरोप लगाया है कि, सरकार की लापरवाही की वजह से ये कॉलेज बंद होने की हालत में पहुंच गए हैं। NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि, अगस्त में 2025-26 सत्र के लिए 13 कॉलेजों की शिकायत की गई थी, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इन कॉलेजों में पढ़ाई के लिए जरूरी स्टाफ ही नहीं है। कई कॉलेजों में सिर्फ एक या दो फैकल्टी हैं और कुछ में तो प्राचार्य तक नहीं हैं। खास बात ये है कि, ये कॉलेज उन जिलों में हैं जो खुद मंत्रियों और बड़े नेताओं के क्षेत्र में आते हैं। इन 12 कॉलेजों में करीब 1000 सीटें हैं, जिन पर अब दाखिला नहीं हो पाएगा। इससे हजारों गरीब छात्राएं नर्सिंग की पढ़ाई से वंचित रह जाएंगी, क्योंकि प्राइवेट कॉलेजों की फीस उनके लिए बहुत महंगी है।
क्या है NSUI की मांगें
NSUI ने मांग की है कि, सभी सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की ठीक से जांच की जाए और जिन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाई है, उन पर एफआईआर दर्ज हो। संगठन का कहना है कि, नर्सिंग की पढ़ाई को बचाने के लिए सरकार को सख्त और साफ-सुथरे कदम उठाने चाहिए।
साथ ही जिन अधिकारियों ने लापरवाही की है, उनकी सैलरी रोकी जाए। NSUI ने साफ चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्दी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।