MP News: फिर एक बड़ा घोटाला...करोड़ों के घोटाले में दो पूर्व CMO सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला

MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में नगर पालिका से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने शासन और प्रशासन दोनों को हिला कर रख दिया है. नगर पालिका के वित्तीय दस्तावेजों में भारी अनियमितताओं के चलते अब तक तीन मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (CMO) को सस्पेंड किया जा चुका है.

Update: 2025-08-30 06:34 GMT

MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में नगर पालिका से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने शासन और प्रशासन दोनों को हिला कर रख दिया है. नगर पालिका के वित्तीय दस्तावेजों में भारी अनियमितताओं के चलते अब तक तीन मुख्य नगर पालिका अधिकारियों (CMO) को सस्पेंड किया जा चुका है.

जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें वर्तमान CMO इशांत धाकड़, पूर्व CMO केशव सगर और शैलेश स्वास्थ्य शामिल हैं. तीनों पर कार्यकाल के दौरान नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों के भुगतान करने और कागजों में हेराफेरी के आरोप हैं.

ऐसे सामने आया मामला

मामला तब तूल पकड़ गया, जब 18 पार्षदों ने एक साथ इस्तीफा देते हुए नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. बताया जा रहा है कि पिछले तीन वर्षों में कुल 743 कार्यों को स्वीकृति दी गई, जिनकी अनुमानित लागत करीब 55 करोड़ रुपये थी. इनमें से अधिकतर कार्य अधूरे हैं या धरातल पर शुरू ही नहीं किए गए.

जांच में सामने आई ये बात

जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, कई ठेकेदारों को बिना काम पूरा किए ही भुगतान कर दिया गया, जबकि जिन ठेकेदारों ने कार्य किया, वे महीनों से भुगतान के लिए भटक रहे हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कुछ वित्तीय फाइलें नगर पालिका कार्यालय की जगह अध्यक्ष के घर से चलाई गईं. कई प्रस्ताव बिना बजट प्रावधान के पारित कर दिए गए और छोटे-छोटे भुगतान दिखाकर बड़ी रकम का गोलमाल किया गया.


 



 




उच्चस्तरीय जांच के दिए निर्देश

भोपाल स्थित नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त संकेत भौंडवे ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. साथ ही, शिवपुरी कलेक्टर द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में नगर पालिका अध्यक्ष को भी दोषी माना गया है, जिसके चलते उन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है.

ये हुई कार्रवाई

बता दें कि इससे पहले भी नगर पालिका में फर्जी भुगतान के मामलों में दो इंजीनियर और एक ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो चुकी है. फिलहाल, इस भ्रष्टाचार कांड की जांच तेज कर दी गई है, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में और नाम भी जांच के घेरे में आएंगे.

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