MP News: निरीक्षण पर निकले मंत्री: खुद साफ करना पड़ा टॉयलेट! अधिकारी को माला पहना कर दी ये चेतावनी..
MP News: मध्यप्रदेश के शिवपुरी शहर में बिना किसी पूर्व सूचना के मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अचानक जिला अस्पताल और शहर के कई हिस्सों में निरीक्षण करने पहुंच गए. लेकिन असली सरप्राइज तब मिला, जब मंत्री ने खुद फावड़ा उठाकर गंदगी साफ करनी शुरू कर दी.
MP News: मध्यप्रदेश के शिवपुरी शहर में बिना किसी पूर्व सूचना के मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अचानक जिला अस्पताल और शहर के कई हिस्सों में निरीक्षण करने पहुंच गए. लेकिन असली सरप्राइज तब मिला, जब मंत्री ने खुद फावड़ा उठाकर गंदगी साफ करनी शुरू कर दी.
टॉयलेट खुद करना पड़ा साफ
जिला अस्पताल में घुसते ही उन्हें टॉयलेट से उठती बदबू और गंदगी ने परेशान कर दिया. उन्होंने बिना हिचक दस्ताने पहने और खुद ही टॉयलेट की सफाई शुरू कर दी. अस्पताल स्टाफ हैरान रह गया, और मंत्री अपने पुराने अंदाज़ में बोले बार-बार कहने पर भी व्यवस्थाएं नहीं सुधर रही हैं, अब बर्दाश्त की सीमा खत्म हो रही है.
फावड़ा उठाकर की सफाई
अस्पताल से निकलने के बाद मंत्री जब लुहारपुरा की पुलिया के पास पहुंचे, तो सड़क किनारे फैली गंदगी ने उनका ध्यान खींचा. उन्होंने तुरंत गाड़ी रुकवाई, और बिना किसी औपचारिकता के फावड़ा उठाकर सफाई में जुट गए. वहां मौजूद लोगों की भीड़ हैरान थी कि एक कैबिनेट मंत्री खुद गंदगी साफ कर रहे हैं.
मामला यहीं नहीं रुका
स्थानीय नागरिकों ने जब शहर में सफाई को लेकर शिकायतें रखीं, तो मंत्री ने मौके पर नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी योगेश शर्मा को बुलवाया. सबको लगा अब डांट-फटकार होगी, लेकिन मंत्री ने एक अनोखा तरीका अपनाया उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी को फूलों की माला पहनाई. फिर मुस्कुराते हुए बोले आज तुम्हें माला पहनाई है सम्मान में, लेकिन अगली बार यह विदाई की निशानी भी बन सकती है. मेरी बात को हल्के में मत लेना.
मंत्री ने मौके पर कलेक्टर और नगर पालिका को निर्देश दिए कि तत्काल सफाई मशीनों को बुलाया जाए और कचरे को हटाया जाए. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर अपने अलग अंदाज में नजर आए न कोई भाषण, न चेतावनी बल्कि खुद काम करके, माला पहनाकर, इशारों में समझा दिया कि अगली बार कोई बहाना नहीं चलेगा.