MP News: कुत्ते का आधार कार्ड, नाम और पता देखकर आप भी रह जाएंगे हैरान, जानिए क्या है पूरा ममाला

MP News: एमपी यानी मध्य प्रदेश, जहां हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता है जो लोगों को चौंकाने के साथ-साथ हंसा भी देता है. ताज़ा मामला ग्वालियर के डबरा शहर से आया है, जहां एक कुत्ते का आधार कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जी हां, आप सही सुन रहे हैं एक कुत्ते का आधार कार्ड....

Update: 2025-09-01 11:16 GMT

MP News: एमपी यानी मध्य प्रदेश, जहां हर दिन कुछ न कुछ ऐसा होता है जो लोगों को चौंकाने के साथ-साथ हंसा भी देता है. ताज़ा मामला ग्वालियर के डबरा शहर से आया है, जहां एक कुत्ते का आधार कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जी हां, आप सही सुन रहे हैं एक कुत्ते का आधार कार्ड....

कुत्ते का नाम टॉमी, पता ग्वालिय

वायरल कार्ड में कुत्ते का नाम 'टॉमी जायसवाल' लिखा गया है. पता दर्ज है वार्ड नंबर 1, सिमरिया ताल, डबरा, ग्वालियर, मध्य प्रदेश. आधार कार्ड में बाकायदा एक फोटो लगी है जो हूबहू असली कार्ड जैसी दिखती है. इतना ही नहीं, उसमें जो नंबर है 070001051580 वो असल में एक मोबाइल नंबर को एडिट कर के बनाया गया है.

पालनकर्ता का नाम और जन्मतिथि भी शामिल

इस कार्ड में कुत्ते के पालनकर्ता के तौर पर कैलाश जायसवाल का नाम दिया गया है, जो सिमरिया ताल गांव के एक किसान हैं. टॉमी की जन्मतिथि 25 दिसंबर 2010 लिखी गई है. कार्ड में बाकायदा ‘मेरा आधार मेरी पहचान’ भी लिखा हुआ है. यानी पेशेवर डिजाइन के साथ पूरी प्लानिंग!

फर्जी और एडिटेड कार्ड

सोशल मीडिया पर जब यह कार्ड वायरल हुआ, तो मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा. कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस कथित आधार की जांच करवाई, जिसमें यह पूरी तरह से फर्जी और एडिट किया हुआ पाया गया. कलेक्टर ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिसने भी यह हरकत की है, उसकी पहचान की जाए और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

मजाक से उठे गंभीर सवाल

इस वायरल कार्ड ने सोशल मीडिया पर हंसी तो बटोरी, लेकिन साथ ही कुछ गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए. क्या कोई भी यूं ही आधार कार्ड जैसी संवेदनशील पहचान को एडिट कर सकता है? क्या सिस्टम इतना कमजोर है? एक यूजर ने लिखा – “डॉगी भी सोच रहा होगा, ऐसा मालिक भगवान सबको दे” वहीं, दूसरे ने पूछा “अगर ये बन गया, तो फिर कुछ भी मुमकिन है”

प्रशासन कर रहा है शरारती तत्व की तलाश

जांच में पता चला कि कैलाश जायसवाल का एक बेटा था जिसकी दो साल पहले एक हादसे में मृत्यु हो गई थी. आशंका है कि शायद उसी ने ये एडिटिंग की हो, या उससे जुड़ा कोई और. प्रशासन अब उस व्यक्ति की तलाश में जुट गया है जिसने सरकारी दस्तावेज की नकल कर ये मज़ाक उड़ाया.

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