MP में खाद पर विवाद: कालाबाजारी के आरोप से गरमाई प्रदेश की सियासत, बीजेपी कांग्रेस आमने- सामने
मध्य प्रदेश में खाद की हो रही किल्लत को लेकर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने सीएम मोहन यादव पर एक तंज कसा है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार पर खाद में कालाबाजारी के गंभीर आरोप लगाए है..
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भोपाल। मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्कूटी वितरण कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा, "मुख्यमंत्री जी, छात्रों को स्कूटी दे रहे हैं, बहुत अच्छी बात है, बधाई। लेकिन अगर वो किसानों को भी खाद बांट देते तो और भी अच्छा होता।"
उन्होंने आरोप लगाया कि, प्रदेश में खाद की भारी कालाबाजारी हो रही है, जिसकी वजह से किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है। उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 16 लाख टन यूरिया और 7 लाख टन डीएपी खाद बची हुई है, फिर भी किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। सिंघार ने इस स्थिति के लिए सरकार की खराब मैनेजमेंट और प्लानिंग को जिम्मेदार ठहराया।
किसानों की दुर्दशा
सिंघार ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि, शिवराज पंजाब में जाकर पानी से फसल निकालने की बात कर रहे हैं, लेकिन अपने ही राज्य के किसान खाद के लिए परेशान हैं। सिंघार ने सरकार पर किसानों को जानबूझकर परेशान करने और कालाबाजारी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि खाद को सोसाइटियों के बजाय पंचायत स्तर पर ही बांट देना चाहिए, ताकि किसानों को आसानी से खाद मिल सके।
तख्तापलट के बयान पर पलटवार
राजनीति में भाषा की मर्यादा अक्सर टूटती रहती है। इसी क्रम में, उमंग सिंघार ने तख्तापलट का बयान देकर सियासी माहौल को और गरमा दिया। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो देश में भी तख्तापलट हो सकता है। सिंघार के इस बयान पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पलटवार करते हुए कहा, "बिल्ली के भाग्य से छींका नहीं टूटने वाला।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुकर्मों को जनता अच्छी तरह जानती है, इसलिए उनके ऐसे बयानों से कोई भ्रमित नहीं होगा।
सीएम यादव का कांग्रेस पर हमला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी को किसानों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके समय में न सिंचाई थी और न ही बिजली। उन्होंने दावा किया कि 2003 में जहां सिंचाई सिर्फ 7.5 लाख हेक्टेयर थी, वहीं आज यह बढ़कर 52 लाख हेक्टेयर हो गई है और इसे 100 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि 2003 में गेहूं का भाव सिर्फ 500 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब 2600 रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस की दुर्दशा को अच्छी तरह जानती है और कांग्रेस अपनी जमीन तलाशने में नाकाम ही रहेगी।
जानिये क्या है 'फ्री स्कूटी योजना'?
इस पूरे सियासी हंगामे की जड़ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की "फ्री स्कूटी योजना" है। इस योजना के तहत, सरकार 12वीं कक्षा में स्कूल में टॉप करने वाले छात्रों को मुफ्त स्कूटी या उसकी राशि देती है। यह योजना शैक्षणिक सत्र 2022-23 से चल रही है।
इस योजना का किसे मिलता है लाभ?
इस योजना के तहत, सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूलों के नियमित छात्र-छात्राएं पात्र होते हैं, जिन्होंने 12वीं की परीक्षा में अपने स्कूल में टॉप किया हो। नियमों के अनुसार, गर्ल्स स्कूल की एक छात्रा, बॉयज स्कूल का एक छात्र और को-एड स्कूल से एक छात्रा और एक छात्र को स्कूटी प्रदान की जाती है। इस तरह, एक स्कूल से अधिकतम दो छात्रों को यह लाभ मिलता है। कुल मिलाकर, एक तरफ छात्रों को मुफ्त स्कूटी मिल रही है, तो दूसरी तरफ किसान खाद के लिए परेशान हैं। इस बीच, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।