MP Jelly Khane Se Maut: आप भी बच्चों को देते हैं जेली? हो जाइए सावधान! जेली खाने से मासूम की हुई मौत

MP Jelly Khane Se Maut: मध्य प्रदेश के जहांगीरपुर गांव में एक मासूम की जिंदगी लाड़-प्यार के चलते मौत के भेंट चढ़ गई. परिजनों ने मासूम प्.र से जेली खिलाई, लेकिन यह छोटी-सी मिठास मासूम की जान ले बैठी. जिसके बाद डॉक्टरों ने भी चेतावनी दी है कि छोटे बच्चों को गले में फंस सकने वाली चीजें न खिलाएं.

Update: 2025-05-25 07:11 GMT

MP Jelly Khane Se Maut: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर माता-पिता को एक गहरी सीख दे दी है. जिले के जहांगीरपुर गांव में डेढ़ वर्षीय मासूम आयुष की जेली खाने के दौरान गले में फंसने से मौत हो गई. परिजन उसे बचाने के लिए दौड़ते हुए जिला अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. यह दर्दनाक हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि अभिभावकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि लाड़-प्यार में की गई छोटी सी लापरवाही भी जीवन भर का पछतावा बन सकती है.

मासूम आयुष का दर्दनाक अंत

जहांगीरपुर निवासी करण सिंह लोधी अपने डेढ़ साल के बेटे आयुष लोधी से बेहद प्यार करते थे. आयुष परिवार का दुलारा और लाड़ला था. बुधवार की दोपहर, जब परिवार के सभी सदस्य घर पर मौजूद थे, तभी किसी ने मासूम को खुश करने के लिए उसे जेली खाने को दे दी. लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि यह छोटी सी जेली ही आयुष की जान ले लेगी.

जैसे ही आयुष ने जेली खाई, उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. वह अचानक जोर-जोर से रोने लगा और सांस लेने में तकलीफ महसूस करने लगा. परिजनों को कुछ समझ नहीं आया कि बच्चा क्यों छटपटा रहा है. जब स्थिति बिगड़ने लगी और मासूम की आंखों में जान बचाने की गुहार दिखने लगी, तब सभी घबरा गए.

हैरान परिजन, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी

परिजन आनन-फानन में बच्चे को लेकर सीहोर जिला अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टरों ने आयुष की जांच की, लेकिन दुर्भाग्य से तब तक उसका दम टूट चुका था. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मेडिकल जांच में सामने आया कि जेली बच्चे के गले में फंस गई थी, जिससे उसका दम घुट गया और मौत हो गई.

इस घटना के बाद से परिवार में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बच्चे की मां बेसुध है, और पिता बार-बार यही कह रहे हैं कि अगर हमें पता होता कि जेली इतनी खतरनाक हो सकती है, तो कभी नहीं देते.

गांव में पसरा मातम, हर आंख नम

जहांगीरपुर गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई. जो भी सुनता, सन्न रह जाता. आयुष की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है. लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं, लेकिन किसी के पास कहने को शब्द नहीं हैं. हर किसी के मन में यही सवाल है क्या इतनी सी लापरवाही भी किसी की जान ले सकती है?

डॉक्टरों की चेतावनी

इस दर्दनाक हादसे के बाद डॉक्टरों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उनका कहना है कि छोटे बच्चों को कोई भी खाने की चीज बहुत सोच-समझकर दें. जेली, मूंगफली, छोटे फल, नट्स, खिलौनों के छोटे हिस्से जैसी चीजें गले में फंसने का खतरा बढ़ा सकती हैं.

अगर कभी कोई चीज गले में अटक जाए तो बच्चे को तुरंत उल्टा करके उसकी पीठ पर तेज थपथपाएं. इससे फंसी हुई चीज बाहर आ सकती है. अगर फिर भी चीज न निकले तो तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं और एंडोस्कोपी से उसे निकालने की कोशिश करें.

जेली जैसी चीज बन सकती है जानलेवा

बाजार में मिलने वाली कई मीठी चीजें जैसे कि जेली, जैम कैंडी, बबल गम बच्चों के लिए आकर्षक जरूर होती हैं, लेकिन ये उनकी उम्र के लिए उपयुक्त नहीं होतीं. विशेषज्ञों का कहना है कि तीन साल से कम उम्र के बच्चों को कभी भी ऐसी चीजें नहीं देनी चाहिए जो निगलने में कठिन हों या फिसलनदार हों. जेली जैसी चीज अक्सर गले में फंस सकती हैं और यह स्थिति जानलेवा हो सकती है.

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