MP High Court News: HC ने 16 साल की रेप पीड़िता को दी डिलीवरी की अनुमति, राज्य सरकार उठाएगी खर्च

MP High Court News: 16 वर्षीय रेप पीड़िता को बच्चे को जन्म देने की अनुमति। डिलीवरी का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

Update: 2025-12-28 09:58 GMT

MP High Court News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 16 वर्षीय नाबालिग रेप पीड़िता को बच्चे को जन्म देने की अनुमति दे दी है और राज्य सरकार को उसकी डिलीवरी का पूरा खर्च उठाने का निर्देश दिया है। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और पीड़िता की सहमति को आधार बनाते हुए यह आदेश पारित किया।

मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की उम्र 16 साल है और वह 29 हफ्ते 1 दिन की गर्भवती है। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि पीड़िता से गर्भपात और डिलीवरी दोनों ऑप्शन्स पर राय ली गई थी जिसमें उसने बच्चे को जन्म देने का निर्णय लिया।
हमीदिया अस्पताल में होगी डिलीवरी
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि पीड़िता की डिलीवरी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में कराई जाए। अदालत ने कहा कि चूंकि पीड़िता ने गर्भपात से इनकार किया है इसलिए बिना उसकी सहमति के मेडिकल टर्मिनेशन की अनुमति नहीं दी जा सकती।
पीड़िता ने आरोपी से शादी की, माता-पिता ने साथ छोड़ा
बाल कल्याण समिति (CWC) की रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता ने बच्चे के पिता जो इस मामले में आरोपी है उससे शादी कर ली है और वह बच्चे को जन्म देना चाहती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीड़िता के माता-पिता ने उसे अपने साथ रखने से इनकार कर दिया है और उससे संबंध तोड़ने की बात कही है।
CWC को देखरेख की जिम्मेदारी
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जब तक पीड़िता 18 वर्ष की नहीं हो जाती, तब तक उसकी देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी बाल कल्याण समिति की होगी। साथ ही जन्म लेने वाले बच्चे की सुरक्षा और देखभाल भी सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
नाबालिग की सहमति सर्वोपरि: HC
सभी परिस्थितियों पर विचार करते हुए हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नाबालिग पीड़िता की इच्छा और सहमति सर्वोपरि है। अदालत ने कहा कि इस मामले में बिना सहमति गर्भपात कराना कानूनन और संवैधानिक रूप से उचित नहीं होगा।
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