CG के बाद यहां कस्टम मिलिंग घोटाला! 5.47 करोड़ की खुले में बेचीं धान; कलेक्टर ने पकड़ी चोरी, तीन पर FIR
Custom Milling Scam
भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां राइस मिल संचालकों ने जिले में कस्टम मिलिंग के नाम पर करोड़ों रुपये का धान खुले आम बाजार में बेच दिया। जिसकी भनक सरकार को भी कानों कान तक नहीं लगी, इसके बाद इस मामले की सूचना जब कलेक्टर को पहुंची तब। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के निर्देश दिए, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।
जिसके बाद खैरलांज की श्री मातारानी राइस मिल के संचालक विवेक मिश्रा, लांजी चिचोली स्थित माँ पूर्णा राइस मिल के संचालक विवेक मस्कर्रे, और माँ कमला देवी राइस मिल, गर्रा के संचालक सुधीर तिवारी एवं प्रतिनिधि विशाल गंगवानी समेत तीन राइस मिलर्स के खिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज की गई है। इन पर कुल 23,808 क्विंटल धान में हेराफेरी करने का आरोप है, जिसकी कीमत 5 करोड़ 47 लाख 58 हजार 331 रुपये बताई जा रही है।
कलेक्टर के आदेश पर जिला आपूर्ति अधिकारी आरके ठाकुर ने धोखाधड़ी करने वाले इन मिलर्स से पैसा वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग के पास पहले से ही इन मिलर्स की 3.92 करोड़ रुपये की रकम (एफडी और बैंक गारंटी के रूप में) जमा है, जिसे अब जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि, यदि जब्त की गई इस राशि के बाद भी बकाया वसूली शेष रहती है, तो भू-राजस्व के बकाया की तरह कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें आरोपियों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करके नीलामी द्वारा शेष रकम वसूली जाएगी।
कस्टम मिलिंग के नियमों के अनुसार, अगर कोई राइस मिलर 25 दिन की तय सीमा में सरकार को चावल जमा नहीं करता है, तो उस पर 2 रुपये प्रति क्विंटल प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना (पेनल्टी) लगाया जाता है। बालाघाट जिले के ऐसे सभी मिलर्स जिन्होंने चावल जमा करने में देरी की है, उन्हें भुगतान के समय यह जुर्माना भरना होगा।